Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

श्रावण मास में क्यों किया जाता है मंगला गौरी व्रत, जानिए

हमें फॉलो करें श्रावण मास में क्यों किया जाता है मंगला गौरी व्रत, जानिए

राजश्री कासलीवाल

मां मंगला गौरी का करें पूजन

श्रावण मास में श्रावण सोमवार के दूसरे दिन यानी मंगलवार के दिन 'मंगला गौरी व्रत' मनाया जाता है। श्रावण माह के हर मंगलवार को मनाए जाने वाले इस व्रत को मंगला गौरी व्रत (पार्वतीजी) नाम से ही जाना जाता है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है अत: इस दिन माता मंगला गौरी का पूजन करके मंगला गौरी की कथा सुनना फलदायी होता है।
 
ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में मंगलवार को आने वाले सभी व्रत-उपवास मनुष्य के सुख-सौभाग्य में वृद्धि करते हैं। अपने पति व संतान की लंबी उम्र एवं सुखी जीवन की कामना के लिए महिलाएं खासतौर पर इस व्रत को करती हैं। सौभाग्य से जुडे़ होने की वजह से नवविवाहित दुल्हनें भी आदरपूर्वक एवं आत्मीयता से इस व्रत को करती हैं।
 
ज्योतिषियों के अनुसार जिन युवतियों और महिलाओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कम‍ी‍ महसूस होती है अथवा शादी के बाद पति से अलग होने या तलाक हो जाने जैसे अशुभ योग निर्मित हो रहे हों, तो उन महिलाओं के लिए मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से फलदायी है। अत: ऐसी महिलाओं को 16 सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी का व्रत अवश्य रखना चाहिए।
 
इस वर्ष मंगला गौरी का पहला व्रत 4 अगस्त, मंगलवार से शुरू होगा। दूसरा 11 अगस्त, ‍तीसरा 18 अगस्त तथा चौथा व्रत 25 अगस्त को मनाया जाएगा। 
 
नोट : ज्ञात हो कि एक बार यह व्रत प्रारंभ करने के पश्चात इस व्रत को लगातार 5 वर्षों तक किया जाता है तत्पश्चात इस व्रत का विधि-विधान से उद्यापन कर देना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi