Margashirsha month thursday fast : कार्तिक पूर्णिमा के बाद 19 नवंबर से मार्गशीर्ष मास प्रारंभ हो चुका है। इस अगहन माह भी कहते हैं। इस माह का पहला गुरुवार खास महत्व रखता है और इस दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। अगहन महीने के हर गुरुवार को देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करने की परंपरा है। आओ जानते हैं लक्ष्मी पूजा का क्या है महत्व।
1. मान्यता अनुसार इस माह देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह के गुरुवार को उनका आगमन ऐसे भक्त के यहां होता है जहां साफ-सफाई और सजावट के साथ ही पवित्रता, प्रसन्नता और सात्विकता का माहौल रहता है।
2. हिंदू धर्म के इस पवित्र महीने में गुरुवार का विशेष महत्व है। इस महीने में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है। इस माह 4 गुरुवार है।
3. उपरोक्त मान्यता के अनुसार ही इस दिन घरों में बुधवार से ही घर-द्वार और पूजा स्थल को रंगोली से सजाकर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी की जाती है। फिर पूजा स्थल तक देवी के पग चिन्ह बना कर गुरुवार को सुबह जल्दी उनका आह्वान करते हैं।
4. गुरुवार के दिन माता लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा और आरती करने के बाद उन्हें भोग अर्पित करते हैं। सुबह, दोपहर व शाम तीनों समय तीनों समय उन्हें उनकी पसंद का भोग अर्पित किया जाता है। मां लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजाया जाता और कलश की स्थापना कर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है तथा विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है।
5. माता लक्ष्मी का इस तरह से स्वागत करने और विधि विधान से पूजा करने से वे प्रसन्न होकर भक्त के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वरदान देती है। लक्ष्मी जी की पूजा के साथ ही विष्णु जी की पूजा करना भी जरूरी है क्योंकि यह संपूर्ण माह ही विष्णु भक्ति और पूजा का है।