Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फुलेरा दूज की पौराणिक कथा

हमें फॉलो करें फुलेरा दूज की पौराणिक कथा

WD Feature Desk

Phulera Dooj in Hindi 
 
HIGHLIGHTS
• यहां पढ़ें फुलैरा दूज की कथा।
• फाल्गुन शुक्ल द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है यह पर्व।
• फुलैरा दूज पर राधा-कृष्ण ने खेली थी पुष्पों की होली। 
 
Story Phalguna Dooj : हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार प्रतिवर्ष फाल्‍गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला फुलेरा दूज पर्व होली के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार का ब्रजभूमि के कृष्ण मंदिरों में बहुत अधिक महत्व हैं। आइए यहां जानते हैं कृष्ण राधा की कहानी/ फुलैरा दूज की कथा... 
 
फुलेरा दूज कथा- 
 
फुलैरा या फुलेरा दूज की पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण अपनी व्यस्तता के कारण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे। राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्री कृष्ण से रूठ गई थीं। राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए। उन वनों की स्थिति के बारे में जब श्री कृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे। 
 
श्रीकृष्ण के आने से राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई। कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया। श्री राधा ने भी ऐसा ही भगवान श्री कृष्ण के साथ किया। यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए। 
 
कहा जाता हैं कि तभी से हर साल मथुरा वृंदावन में फूलों की होली खेली जाने लगी। इस दिन मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को पुष्पों से सजाया जाता है तथा फूलों की होली खेली जाती है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Radha Krishna Flowers festival: फुलेरिया दोज पर्व, जानें पूजन विधि और मंत्र