Rambha Teej 2024 : साल 2024 में रंभा तीज व्रत कब है, जानें पूजा विधि और मंत्र
, शनिवार, 8 जून 2024 (10:30 IST)
रंभा तीज के दिन क्या किया जाता है।
रंभा तीज 2024 में कब है।
रंभा तीज के दिन किसकी पूजा की जाती हैं।
Rambha Teej: वर्ष 2024 में रंभा तृतीया व्रत, 09 जून दिन रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिवशंकर, देवी पार्वती और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी तथा माता सती को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन किया जाता है।
हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रतिवर्ष रंभा तीज व्रत ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया के दिन मनाया जाता है। रंभा या अप्सरा तृतीया व्रत खास तौर पर महिलाओं के लिए रखा जाने वाला एक विशेष व्रत है। मान्यतानुसार रंभा तीज व्रत जिस घर में किया जाता है, वहां सुख, समृद्धि, शांति और पति को लंबी उम्र का वरदान मिलता हैं।
पूजन विधि - Rambha Teej Puja Vidhi
- रंभा तीज / ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया के दिन प्रात: दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- सूर्य भगवान के लिए दीया प्रज्वलित करें।
- इस दिन भगवान शिव-पार्वती, मां लक्ष्मी और अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है।
- इस दिन सुहागन महिलाएं पूजन में गेहूं, अनाज और फूलों से माता लक्ष्मी जी की पूजा करती हैं।
- पूजन के समय इन मंत्रों का जाप किया जाता है :
- ॐ महालक्ष्म्यै नम:,
- ॐ महासरस्वत्यै नम:
- ॐ महाकाल्यै नम:,
मान्यतानुसार कई स्थानों पर सुहागिनें चूड़ियों के जोड़े की भी पूजा करती हैं, जिसे रंभा/ अप्सरा और देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। शिव-पार्वती की कृपा, श्री गणेश जी जैसी बुद्धिमान संतान पाने तथा सुहाग की रक्षा के लिए रंभा तृतीया का व्रत किया जाता है। बता दें कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को महिलाओं द्वारा यह व्रत एक उत्सव रूप में भी मनाया जाता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
अगला लेख