Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जगन्नाथ यात्रा, कावड़ यात्रा के बाद क्या अब महाकाल की सवारी पर भी नजर है?

Advertiesment
हमें फॉलो करें जगन्नाथ यात्रा, कावड़ यात्रा के बाद क्या अब महाकाल की सवारी पर भी नजर है?
, मंगलवार, 13 जुलाई 2021 (18:48 IST)
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह 24 जुलाई को समाप्त होगा और श्रावण माह 25 जुलाई 2021 से प्रारंभ होगा। उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग स्थित है, जहां हर श्रावण और भाद्रपद में बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। परंतु कोरोना के कारण जिस तरह जगन्नाथ यात्रा पर श्रद्धालुओं के शामिल होने पर प्रतिबंध रहा किया उसी तरह महाकाल सवारी यात्रा पर भी प्रतिबंध रहेगा?
 
 
1. उज्जैन में महाकाल बाबा की नगरी में दूर दूर से कावड़ यात्री आकर बाबा को जल अर्पित करते हैं परंतु इस बार कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध का साया रहेगा क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते स्थानीय प्रशासन ने नंदी हाल और गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है और बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी कावड़ यात्री शहर को शहर में प्रवेश नहीं मिलेगा। कावड़ यात्री और दर्शनाथियों के द्वारा जलाभिषेक किए जाने पर रोक है।
 
2. श्रावण मास में भगवान महाकाल आम दिनों की अपेक्षा भक्तों के लिए दो घंटे पहले जागते हैं। श्रावण के प्रत्येक रविवार पर रात्रि 2.30 बजे तथा सोमवार से शनिवार तक रात 3 बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। भस्मारती के पश्चात सुबह 5 बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू होता है। परंतु इस बार पूरे श्रावण माह में दर्शनाथियों की संख्या सीमित रखी जाएगी और किसी भी प्रकार का समूह या टोली का प्रवेश प्रतिंबधित रहेगा। 
 
3. इस बार कुल 7 सवारियां निकाले जाने का है। इस बार 7 वर्ष बाद यह संयोग बन रहा है कि दोनों माह में 7 सोमवार रहेंगे तो बाबा की सवारी भी 7 सोमवार को निकाली जाएगी। 
 
4. बताया जाता है श्रावण-भादौ मास में इस बार भी बीते वर्ष की तरह भगवान महाकाल की सवारी बड़े गणेश मंदिर के सामने से नए छोटे मार्ग से निकाली जाएगी। शिप्रा पूजन के पश्चाल सवारी के लौटने पर हरसिद्धि मंदिर के द्वार पर भक्त शिव शक्ति के मिलन का अद्भुत नजारा इंटरनेट माध्यमों के जरिए देख सकेंगे। राजाधिराज भगवान महाकाल चांदी की जिस पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं, सवारी से पहले उसका संधारण व साज सज्जा की जाती है। बताया जाता है बैठक के बाद पालकी के संधारण व साज सज्जा का काम शुरू होगा। कारीगरों के लिए मंदिर प्रशासन अलग से शेड बनाकर देगा।
 
5. हालांकि श्रावण मास की तैयारियों को लेकर और सवारी निकालने की गाइडलाइन को लेकर शासन-प्रशासन के बीच बैठकों को दौर अभी जारी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दैनिक राशिफल 14 जुलाई, बुधवार: क्या कहती है आपकी राशि, जानिए किसके लिए शुभ रहेगा आज का दिन