गौरी व्रत 17 जुलाई से प्रारंभ होकर 21 जुलाई को समाप्त होगा। इसके बाद जया पार्वती व्रत 19 जुलाई को प्रारंभ होकर 24 जुलाई को समाप्त होगा। दोनों ही व्रत का अपना अलग अलग महत्व है और दोनों व्रत का फल भी भिन्न है। हालांकि यह दोनों ही पर्व माता पार्वती को समर्पित हैं। आओ जानते हैं दोनों का अंतर।
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1. जया पार्वती व्रत देवी जया को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है। देवी जया, देवी पार्वती के विभिन्न रूपों में से एक हैं। जया माता की एक सहचारिणी भी थीं।
2. जया पार्वती व्रत आषाढ़ मास में 5 दिनों तक मनाया जाता है। यह व्रत शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से आरम्भ होकर कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर समाप्त होता है।
5. गौरी व्रत मुख्य से माता पार्वती को समर्पित व्रत है जो मुख्य रूप से गुजरात में ही मनाया जाता है। गुजरात मेंगौरी व्रत को मोरकट व्रत भी कहते हैं।
6. गौरी पूजा का व्रत मुख्य रूप से अविवाहित लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए रखती हैं।
7. गौरी व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू होता है और पांच दिनों के बाद पूर्णिमा के दिन, गुरु पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।
8. गौरी व्रत आषाढ़ महीने में 5 दिनों तक मनाया जाता है। गौरी व्रत देवी पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास काल है।