परम फलदायिनी है माघी पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा पर करें भगवान सत्यनारायण का पूजन
माघ मास की हर तिथि पुण्य पर्व है, उनमें माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व हमारे शास्त्रों में बताया गया है। माघ मास की पूर्णिमा पर तीर्थस्थलों में स्नान, दान आदि करने से यह पूर्णिमा परम फलदायिनी बताई गई है। इस दिन स्नान, दान, गोदान एवं यज्ञ का विशेष महत्व है।
माघी पूर्णिमा को कुछ धार्मिक कर्म संपन्न करने की भी विधि शास्त्रों में दी गई है। प्रातःकाल नित्य कर्म एवं स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजन कर, पितरों का श्राद्ध करना चाहिए।
इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र तथा कुछ रुपया-पैसा दानस्वरूप देना चाहिए। तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, फल, चरण पादुकाएं, अन्न आदि का दान करके पूरे दिन का व्रत रख कर तपस्वियों को भोजन करना चाहिए। कथा-कीर्तन, सत्संग में दिन-रात बिताने के बाद दूसरे दिन पारण करना चाहिए।