Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अर्जन सिंह : प्रोफाइल

हमें फॉलो करें अर्जन सिंह : प्रोफाइल
नई दिल्ली। पूर्व वायुसेनाध्यक्ष अर्जन सिंह का शनिवार शाम निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे। उन्हें गंभीर हालत में आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे वायुसेना के एकमात्र ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें पांच सितारा रैंक में पदोन्नत किया गया। 
 
1919 पंजाब के लायलपुर (अब पाकिस्तान) में जन्मे अर्जन सिंह ने वायुसेना में सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से भी नवाजा। वे वायुसेना के एकमात्र ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें पांच सितारा रैंक में पदोन्नत किया गया। जून 2008 में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की मृत्यु के बाद उन्हें पांच सितारा रैंक प्रदान की गई।   
 
अर्जन सिंह का जन्म प्रतिष्ठित सैन्य परिवार में हुआ। उनके पिता रिसालदार थे, जबकि दादा रिसालदार मेजर हुकमसिंह 1883 और 1917 के बीच कैवलरी से संबंधित थे। अर्जन सिंह की शिक्षा ब्रिटिश भारत में मांटगोमरी (अब पाकिस्तान में) में हुई। उन्होंने 1938 में आरएएफ कॉलेज क्रैनवेल में प्रवेश लिया और 23 दिसंबर 1939 में एक पायलट अधिकारी के रूप में रॉयल एयरफोर्स में उन्हें कमीशन मिला। 
 
उन्होंने 1944 में भारतीय वायुसेना की नंबर 1 स्क्वाड्रन का अराकन अभियान के दौरान नेतृत्व किया। 1944 में उन्हें प्रतिष्ठित फ्लाइंग क्रॉस (डीएफसी) से सम्मानित किया गया। 1945 में उन्होंने भारतीय वायुसेना की प्रथम प्रदर्शन उड़ान की कमान संभाली। सिंह को कोर्ट मार्शल का सामना भी करना पड़ा जब उन्होंने फरवरी 1945 में केरल के एक घर के ऊपर बहुत नीची उड़ान भरी। तब उन्होंने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि यह एक प्रशिक्षु पायलट (बाद में एयरचीफ मार्शल दिलबागसिंह) का मनोबल बढ़ाने की कोशिश थी। 
 
एयर मार्शल सिंह 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक वे वायुसेनाध्यक्ष रहे और 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1969 में 50 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति ली। 1971 में उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। उन्होंने वेटिकन के राजदूत के रूप में भी कार्य किया। अर्जन सिंह ने द्वितीय विश्वयुद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
 
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के समय अर्जन सिंह उन चुनिंदा गणमान्य व्यक्तियों में से थे, जो डॉ. कलाम को पालम हवाई अड्डे पर श्रद्धांजलि देने आए थे। 14 अप्रैल 2016 को एयर मार्शल के 97वें जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए तत्कालीन चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में भारतीय वायुसेना स्टेशन का नाम अर्जन सिंह के नाम पर करने की घोषणा की थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शाजापुर में दो समुदायों में विवाद, धारा 144 लागू