पुराने साल के जाने और नए वर्ष के आने का ये अनवरत क्रम यूँ ही चलता रहेगा। बीते वर्ष में अपनी नाकामयाबी को गिन-गिन कर कोसने की जगह आने वाले वर्ष में कामयाबी पाने के लिए थोड़ी-सी योजना बनाकर संकल्पित हो लें तो निश्चित ही सफलता आपके साथ कदमताल करेगी। तो लो फिर आ गया नया साल। करें स्वागत नए वर्ष का।
आने वाला नया साल केवल शब्दों में ही सुखमय शांतिमय उन्नतिशील बनकर न रह जाए। इसे साकार करने का प्रयास करें। सबसे पहले आप अपने में बदलाव कर सिर्फ और दस मिनट अपने लिए निकालें और फिर देखें यह वर्ष 2011 क्या और कैसे आपको मानसिक शांति देता है और बढ़ा सकते हैं आप एक कदम अपनी मंजिल को पाने के लिए।
करना कुछ नहीं है, दस मिनट में कोई जादू नहीं होगा, एक ऊर्जा का संचार होगा आपमें। यकीन न आए तो आप स्वयं ही आजमा कर देख लें। भागदौड़ भरी भौतिकवादी जिंदगी में आपके पास सब कुछ है, अगर नहीं है तो सिर्फ समय। दूसरे के लिए तो छोड़िए स्वयं आपके लिए आपके पास समय नहीं है।
इसी समयाभाव के कारण आप कई कार्य नहीं कर पाते और कई मर्तबा ये कार्य जिंदगी की रफ्तार ही रोक देते हैं। इसीलिए आपसे चाहिए आपके लिए दस मिनट। बदल जाएगी आपकी जिंदगी। एक नई ऊर्जा, उत्साह, उमंग और उल्लास आपका इंतजार कर रहा है। आइए, इन्हें बाहों में भरकर भरें एक नई उड़ान।
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ईश्वर से करें दिन की शुरुआत :- आप किसी भी धर्म के अनुयायी हों, यह तो मानेंगे कि एक अदृश्य अलौकिक शक्ति है। वह सर्वशक्तिमान ताकत है, जिसे हम अल्लाह, ईश्वर, गॉड या किसी और नाम से स्मरण करते हैं। कल्पना करें आज की बात आपको कल याद न रहें तो आपका जीवन कैसे बीतेगा! हर नई सुबह अपने ईश्वर के नाम से शुरू करें। हो सके तो नींद खुलते ही सर्वप्रथम अपनी हथेलियों और उस पर बनी लकीरों को देखें और यह श्लोक पढ़ें-
'कराग्रे वस्ते लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती। कर मूले तू गोविंदम् प्रभाते कर दर्शनम्॥' हथेलियाँ अपने चेहरे पर फेरें और सोचें कि आज का दिन आपका सबसे अच्छा दिन है और करें शुरुआत।
देखें हर दिन सूरज :- हममें से शायद कई लोगों ने सूरज को सुबह निकलते नहीं देखा होगा। जी हाँ, यह सच है कि आप जब तक सोकर उठते होंगे, तब तक सूरज आसमान पर पहुँच चुका होगा क्षितिज से कहीं दूर।
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नए साल में सुबह जल्दी उठने का संकल्प लें। भोर का उजियारा, चिड़ियों की चह-चहाहट के बीच सूरज की लालिमा से आच्छादित आकाश का दिलकश और मन को आनंदित करने वाला वह नजारा सीमेंट के जंगल में देखें।
सुबह की सैर करें, ताजी हवा के झोंके से गहरी साँस लें। योग-व्यायाम करें। दिन ताजगी भरा रहेगा। नई ऊर्जा के साथ कार्य में मन लगेगा। रक्त संचारित होने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। आप स्वस्थ्य रहेंगे। कहा गया है- 'सुबह की सैर सदा सुखदायी।'
नए साल में देश-दुनिया से जुड़ने का जतन करें। सुबह हायतौबा के बीच समाचार-पत्र, पत्रिका पढ़ने का समय निकालें। इंटरनेट पर दुनिया के ताजे समाचारों से अपडेट रहें। समय मिले तो अपनी रुचि का लेख पढ़ें, दुनिया जहान की हर गतिविधि से अवगत रहें। स्वयं का ज्ञान तो बढ़ेगा ही, आप कहीं चर्चा में भी अनभिज्ञता के कारण शर्मिंदा होने से बचेंगे। वैसे भी ज्ञान पाने का जतन करना ही चाहिए।
नए साल में प्रकृति से जुड़ें, उसे अनुभूत करने का संकल्प लें। सुबह सबेरे देखें कैसे मुस्कराते फूल आपका स्वागत कर रहे हैं, वह भी बिना किसी स्वार्थ के। आप भी बगीचा बनाएँ, क्वारी सँवारे।
जगह नहीं हो तो गमलों में ही अपने पंसदीदा और मौसमी फूलदार पौधे लगाएँ। खिले-खिले ताजे फूल आपमें एक नए उत्साह का संचार करेंगे और आप सकारात्मकता के साथ लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे।