मृदुभाषी एन श्रीराम बालाजी अपनी बातों या अपने काम से किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते और अब वह ओलंपिक में अपने सीनियर टेनिस जोड़ीदार रोहन बोपन्ना को भी निराश नहीं करना चाहते हैं।कल दोनों की जोड़ी पेरिस ओलंपिक का अभियान शुरु कर रही है। टेनिस खेल प्रेमी इस मैच को 5 बजे देख सकते हैं।
बोपन्ना (44 वर्ष) ने बालाजी की काबिलियत पर अपार भरोसा दिखाया और उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए अपना जोड़ीदार चुना। इसलिये बालाजी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के साथ बड़े मंच का दबाव महसूस नहीं करना अहम है। उन्हें अपने खेल में सहज होने और अपना स्वाभाविक खेल खेलने की जरूरत है।
दोनों को तैयारियों के लिए दो टूर्नामेंट में खेलना था लेकिन वे उमग एटीपी टूर्नामेंट में नहीं खेले। पर बोपन्ना और बालाजी ने इस समय का इस्तेमाल पेरिस ओलंपिक की टेनिस स्पर्धाओं के स्थल रोलां गैरों पर अभ्यास करने के लिए किया जिससे दोनों को एक-दूसरे के खेल और मजबूत पक्ष को बेहतर ढंग से जानने में मदद मिली।
भारतीय टेनिस टीम के साथ आये कोच बालाचंद्रन ने PTI (भाषा) से कहा, पिछले कुछ दिन एक-दूसरे के बारे में जानने के बारे में रहे हैं।
उन्होंने कहा, बालाजी थोड़े शर्मिले हैं। इस स्तर पर बोपन्ना को मुझसे कोचिंग की जरूरत नहीं है। लेकिन हमें सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बालाजी सहज रहें और आत्मविश्वास से भरे रहें। अगर वह अहम मौके पर असहज हो गये तो क्या होगा?
बालाचंद्रन पिछले दो वर्षों में बालाजी के साथ काम कर चुके हैं, उन्होंने कहा, वह हर काम परफेक्ट तरीके से करना चाहते हैं और रोहन एक शानदार मेंटोर हैं। अगर बालाजी कोई गलती भी करते हैं या अगर वह अभ्यास में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो भी रोहन उससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। अगर वह नाराज भी होते हैं तो भी वह जाहिर नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, वह बालाजी को प्रोत्साहित करते रहेंगे और उसका मार्गदर्शन करते रहेंगे। यह एक शानदार नेतृत्वकर्ता की निशानी है।