Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सीमांत जिले उत्तरकाशी की 3 सीटों में से सबसे हॉट सीट गंगोत्री सीट, इसी से जीते प्रत्याशी की बनती है प्रदेश में सरकार

हमें फॉलो करें सीमांत जिले उत्तरकाशी की 3 सीटों में से सबसे हॉट सीट गंगोत्री सीट, इसी से जीते प्रत्याशी की बनती है प्रदेश में सरकार
, शनिवार, 12 फ़रवरी 2022 (13:22 IST)
उत्तरकाशी। गंगोत्री हिमालय में में इस कड़ाके की खून जमा देने वाली ठंड के बावजूद चुनावी गर्मी से तपन महसूस की जा रही है। इन दिनों चारों ओर बर्फ की सफेदी के आगोश में समाये गंगोत्री या आसपास के गांवों का हालांकि निचले इलाकों में माइग्रेशन हो चुका है तथापि गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला के कई क्षेत्रों के गांव अब भी हिमाच्छादित हैं। ऐसे में यहां उत्तरकाशी जिले की तीनों विधानसभा सीटों से खड़े चुनावी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगना भी एक तरह की तपस्या ही है।
 
भारत-चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर 2 लाख 35 हजार 427 मतदाता हैं। उत्तरकाशी जिले की इन तीनों विधानसभा सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है। ये 3 विधानसभा सीटें गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला हैं। जिले की गंगोत्री सीट इस बार सबसे हॉट सीट है। इस पर इसलिए भी देश-प्रदेश की नजर है, क्योंकि इस सीट के बारे में मिथक रहा है कि इस सीट को जो भी पार्टी जीत जाती है, प्रदेश में सरकार उसी की बनती है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा बने कर्नल अजय कोठियाल भी इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव में उत्तरकाशी जिले की 2 सीटें भाजपा ने तो एक कांग्रेस ने जीती थी। भाजपा ने गंगोत्री और यमुनोत्री सीटें जीतकर प्रदेश में सरकार बनाई। पुरोला सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।
 
इस बार जिले की 2 सीटों पर तो त्रिकोणीय मुकाबला है जबकि 1 सीट पर सीधा मुकाबला है। गंगोत्री सीट पर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चुनावी द्वंद्व यहां मुकाबले को तिकोना बनाता है। इसमें हालांकि लोग कांग्रेस की बढ़त का दावा भी कर रहे हैं जबकि यमुनोत्री में कांग्रेस के बागी संजय डोभाल, जो पिछले चुनाव में रनरअप रहे थे, इस बार कांग्रेस से विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा-कांग्रेस के बीच के मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं जबकि पुरोला में सीधा मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के ही बीच ही दिखता है। गंगोत्री सीट से इस बार भाजपा और कांग्रेस के चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने वाले आम आदमी पार्टी के सीएम फेस कर्नल अजय कोठियाल हैं।

webdunia
 
27 साल फौज में रहे कर्नल कोठियाल ने उत्तरकाशी स्थित नेहरु माउंटेनियरिंग इन्स्टीट्यूट से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। साल 2013 में जब केदारनाथ में आपदा आई और पूरा केदार क्षेत्र तबाह हो गया तो कर्नल कोठियाल के ही नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वहां के पुनर्निर्माण की नींव रखी। कर्नल कोठियाल तब से ही उत्तराखंड में लाइमलाइट में आए थे।
 
गंगोत्री को कर्नल कोठियाल अपनी कर्मभूमि बता रहे हैं। पहली बार उत्तराखंड में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के कर्नल कोठियाल दिल्ली आप सरकार के मॉडल और अपने खुद के इस क्षेत्र में किए गए कामों के आधार पर वोट मांग रहे हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में महिला वोटरों पर ध्यान केंद्रित किया हुआ है। ठंड के मौसम के बावजूद वे घर-घर जाकर अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। कर्नल कोठियाल के सीएम फेस होने के नाते उन पर प्रदेश की 70 सीटों का चुनाव प्रचार का भी दारोमदार है। ऐसे में बचे हुए समय में वे कितना इस क्षेत्र में प्रचार को वक्त दे पाते हैं, इससे भी उनका भविष्य तय होगा।
 
जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी विजयपाल सजवाण 2 बार यहां के विधायक रह चुके हैं। पिछला चुनाव हार जाने के बाद वे लगातार इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं 2 बार के विधायक रह चुके विजयपाल सजवाण का प्रचार अभियान जारी है। जनसभाओं और रैलियों के आखिरी दिन आज बड़े नेता उत्तरकाशी में हैं। इस दौरान मेगा रोड शो होगा। साथ ही जनसभा का आयोजन भी होगा। जनसभा को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस के केंद्रीय नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम संबोधित करेंगे।
 
गंगोत्री क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विजयपाल सजवाण ने ज्ञानसू में भ्रमण एवं जनसंपर्क कर वोट की अपील की। इस दौरान उन्होंने ज्ञानसू क्षेत्र में मिले जनसमर्थन के लिए लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मैंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उत्तरकाशी शहर से ही की है। समय-समय पर इस शहर की महान जनता ने उन्हें भरपूर सहयोग और समर्थन दिया है।
 
उन्होंने कहा कि मुझे जिस रूप में भी आप सबके सेवक के रूप में कार्य करने का मौका मिला, मैंने अपने पूरे सामर्थ्य से हर मापदंड में खरा उतरने की कोशिश की है। वर्ष 2012 एवं 13 की आपदा ने इस खूबसूरत शहर को जो घाव दिए, उन्हें भरने के लिए मुझसे जो मुमकिन हुआ, हरसंभव कोशिश कर इसे संवारने का काम किया है। आज इस पूरे शहर में सुरक्षा दीवार से लेकर आधारभूत ढांचा जो हमने खड़ा किया है, उसको आगे मूर्तरूप देना मेरी बड़ी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी शहर को आधुनिक और पौराणिक संस्कृति का अद्भुत संगम बनाना उनका सपना है और इसे पूरा करने के लिए मैं हरसंभव कोशिश करूंगा।
 
भाजपा ने इस बार यहां से अपने जीते हुए विधायक गोपाल सिंह रावत की मौत के बाद नए प्रत्याशी सुरेश चौहान को मैदान में उतारा है। सुरेश चौहान ब्लॉक प्रमुख रहे हैं और विजय बहुगुणा के समर्थक माने जाते हैं। विजय बहुगुणा उनके चुनाव प्रचार में उत्तरकाशी जा भी चुके हैं।
 
कांग्रेस प्रत्याशी विजयपाल सजवाण अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को याद कराकर वोट मांग रहे हैं। वे पिछले 5 सालों से क्षेत्र के हर काम में शामिल रहे हैं। सजवाण की इसी सक्रियता से उनके साथ क्षेत्र के युवा लगातार जुड़ने से क्षेत्र में उनकी हवा बनती दिख रही है जबकि भाजपा को अपने सांगठनिक ढांचे पर भरोसा है। तीनों प्रत्याशी इस सीट पर अपनी जोर-आजमाइश में लगे हैं। यह 10 मार्च को ही पता लगेगा कि इनमें से किसकी जोर आजमाइश पर क्षेत्र की जनता भरोसा करेगी?
 
पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को यहां कुल मतदान का 46.15 फीसदी मत यानी 25,683 वोट प्राप्त हुए जबकि रनरअप रहे विजयपाल सजवाण को कुल मतदान का 28.88% मत यानी 16,073 वोट मिले। तीसरे नंबर पर तब भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़े सूरतराम नौटियाल कुल मतदान का 17.05% मत यानी 9,491 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार सूरतराम नौटियाल भाजपा में फिर से लौट गए हैं। वे भी इस बार भाजपा से टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। शुरुआती नाराजगी के बाद अब उन्होंने चुप्पी साध रखी है। उनका चुप्पी साधना भी कांग्रेस के लिए वरदान बन सकता है।
 
यमुनोत्री सीट पर कांग्रेस ने उत्तरकाशी जिला पंचायत के अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को चुनावी समर में उतारा है तो पार्टी के इस सीट से पिछली बार रनरअप रहे संजय डोभाल ने निर्दलीय ताल ठोंक दी है। भाजपा ने सिटिंग विधायक केदार सिंह रावत को ही रणभूमि में उतारा है। केदार सिंह रावत को एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है जबकि कांग्रेस के विद्रोही उम्मीदवार ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है इसलिए जीत का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह 10 मार्च को पता चलेगा। हालांकि लोगों का कहना है कि इस सीट पर कांग्रेस को सत्ताविरोधी रुझान का लाभ मिल सकता है।
 
पुरोला सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की टक्कर आमने-सामने दिखाई दे रही है। इस सीट पर पिछली बार कांग्रेस का प्रत्याशी जीता था, जो कि चुनाव से पूर्व भाजपा में चला गया। भाजपा ने उसे भी टिकत न देकर कांग्रेस से ही तोड़कर लाए गए पिछली बार के निर्दलीय प्रत्याशी दुर्गेश लाल को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने भाजपा से पूर्व में विधायक रह चुके और चुनाव से कुछ ही दिनों पूर्व कांग्रेस में शामिल हुए मालचंद को यहां टिकट दिया है। आमने-सामने की लड़ाई में किसके सिर जीत का सेहरा सजेगा, इसका भी पता 10 मार्च को ही लगेगा। लेकिन इस सीट को भी आज कांग्रेस की ही लोग बता रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उत्तराखंड में सीएम धामी का वादा, सरकार बनते ही लागू करेंगे समान नागरिक संहिता