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कुंभ मेला 2025: महाकुंभ और युद्ध का क्या है संबंध?

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WD Feature Desk

, बुधवार, 22 जनवरी 2025 (17:35 IST)
History of Kumbh and Conflict War and Earthquake: प्रत्येक तीन वर्षों में कुंभ का आयोजन होता है। इस तरह नासिक, प्रयागराज, हरिद्वार और उज्जैन में तीन तीन वर्षों के चक्र के अनुसार प्रत्येक 12 वर्ष में पूर्ण कुंभ का आयोजन होता है। लेकिन मान्यता के अनुसार प्रयागराज में प्रत्येक 144 वर्षों में महाकुंभ का आयोजन होता है। 12 वर्ष बाद आने वाले प्रयाग के पूर्ण कुंभ का संबंध संघर्ष, भूकंप और युद्ध से जोड़कर भी देखा जाता रहा है। कहते हैं कि सूर्य पर प्रत्यके 11 वर्षों में भयानक विस्फोट होते हैं जिसके कारण धरती पर भी आग से संबंधित घटनाएं बढ़ जाती है। जब भी कुंभ आने वाला रहता है, कुंभ चल रहा होता है या कुंभ के समापन के बाद देश और दुनिया में बड़ी उथल पुथल देखी जा सकती है। यहां कुछ कुंभ के बारे में प्रस्तुत है जानकारी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में प्रयागराज में अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था। इसके बाद महामारी और युद्ध का दौर प्रारंभ हो चला था। 
 
1396 का प्रयाग कुंभ:
तैमुरलंग का आक्रम: वर्ष 1310 के महाकुंभ में महानिर्वाणी अखाड़े और रामानंद वैष्णवों के बीच हुए झगड़े ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था। इसके बाद वर्ष 1398 के अर्धकुंभ में तो तैमूर लंग ने अचानक से ही आक्रमण कर दिया थे जिसके चलते कई जानें गई थीं।
 
1796 का प्रयाग कुंभ: 
वर्ष 1760 में शैव सन्यासियों व वैष्णव बैरागियों के बीच संघर्ष हुआ था। 1796 के कुम्भ में शैव संयासी और निर्मल संप्रदाय आपस में भिड़ गए थे। 1760 में, वांडिवाश की लड़ाई भारत में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच की लड़ाई थी। इसी के साथ ही 1796 में फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच कई लड़ाइयां हुईं। सुमात्रा के पास फ्रांस और ब्रिटेन के बीच नौसैनिक मुठभेड़ हुई। नेपोलियन बोनापार्ट ने मिनसियो नदी के पूर्वी किनारे पर ला फेवरिटा में युद्ध लड़ा। नेपोलियन ने लोदी ब्रिज के युद्ध में आस्ट्रिया को हराया। स्पेन ने इंग्लैंड पर युद्ध की घोषणा की।ALSO READ: Kumbh mela 2025: कुंभ मेले में अब तक हुए संघर्ष और हादसों का इतिहास
 
1942 का प्रयाग कुंभ: 
इस दौरान द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। इसके अलावा, इस साल यूरोप में जर्मनी ने यहूदियों को नष्ट करने की योजना बनाई थी। अप्रैल में लाखों यहूदियों को जला दिया। इसे होलोकॉस्ट कहा गया। इस वर्ष सिंगापुर का पतन हुआ। अमेरिकी नौसेना ने मिडवे की लड़ाई में जापानी नौसेना को हरा दिया, जो प्रशांत क्षेत्र में युद्ध का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 
 
1954 का प्रयाग कुंभ: 
इस वर्ष यानी 1954 को हुए कुंभ में भगदड़ से करीब 800 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक लोग घायल हुए। 1954 में ही अमेरिका ने बिकिनी द्वीप पर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था. इसे उस समय तक का सबसे शक्तिशाली विस्फोट बताया गया था। आस्ट्रिया में हिमस्खलन में 200 से अधिक लोग मारे गए। अफ्रीकी देश अल्जीरिया के दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र ओरालियान वेल में भूकंप से 1400 लोगों की मौत हुई।
 
1965 का प्रयाग कुंभ: 
इस वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ जिसे कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। मालदीव ब्रिटेन के प्रभुत्व से आज़ाद हुआ। सेल्मा, अलबामा में, मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने नागरिक अधिकार प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया और 1965 के मतदान अधिकार अधिनियम को पारित करने के लिए एक मार्च निकाला। दूसरी ओर वियतनाम में युद्ध बढ़ गया, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉनसन ने लगातार हवाई हमले शुरू कर दिए। 
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1977 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष 1977 का कुंभ भारत में आपातकाल के तुरंत बाद हुआ था। भारत में इमरजेंसी लगी थी। पाकिस्तान की सैनिक क्रान्ति में प्रधानमंत्री भुट्टो सत्ताच्युत एवं गिरफ्तार, वहाँ जनरल जिया उल हक ने सत्ता संभाली। मिस्र के विरुद्ध अरब मोर्चा गठित। चीन और अमेरिका के बीच तनाव के बीच सोवियत संघ की घरेलू राजनीति में उथल पुथल का दौर।
 
1986 का प्रयाग कुंभ:
इस वर्ष 1986 के कुंभ में भारत में राममंदिर आंदोलन की नींव रखी गई थी। इस कुंभ के बाद ही भारत की राजनीति में उथल पुथल प्रारंभ हो चली थी। साल 1986 में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में विवादित स्थल का ताला खोला गया था। कैप केनेवरल फ्लोरिडा से उड़ान भरने के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष शटल 'चैलेंजर' में विस्फोट हुआ और सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए। सैन सल्वाडोर में 7.5 तीव्रता वाले भूकंप में 1,500 लोगों की मौत हुई।ALSO READ: Maha Kumbh Mela 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में आग, LPG सिलेंडरों में विस्फोट, 18 शिविर खाक, 1 घंटे में पाया गया काबू
 
2001 प्रयाग कुंभ:
वर्ष 2001 के कुंभ मेले में करीब 7 करोड़ लोगों ने स्नान किया था। इसी साल 11 सितंबर को अल-कायदा ने अमेरिका पर हमला किया था। इस हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर गिरे थे। इस हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस साल गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप में लाखों लोगों की मौत हो गई थी।
 
2013 प्रयाग कुंभ:
2013 के कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 36 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भारत ने चीन की तरफ से हो रही घुसपैठ का भी मुंहतोड़ जवाब दिया। मिस्र की सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का तख्तापलट किया। इस वर्ष बड़े भूकंप और आतंकवादी घटनाओं से सभी का दिल दहल गया था।ALSO READ: Mahakumbh 2025 : खालिस्तानी संगठन ने महाकुंभ की आग को बताया फेक एनकाउंटर का बदला, क्या है पन्नू से कनेक्शन, गीता प्रेस ने जताई थी आशंका

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