Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर गंगा स्नान का क्यों है इतना महत्व, जानें हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ स्नान क्यों खास है?

हमें फॉलो करें महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर गंगा स्नान का क्यों है इतना महत्व, जानें हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ स्नान क्यों खास है?

WD Feature Desk

, शनिवार, 21 दिसंबर 2024 (07:00 IST)
Mahakumbh Mela: महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है। यह मेला भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक त्रिवेणी संगम पर होता है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। यहाँ पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान (Ganga Snan) करने के लिए आते हैं, ताकि वे अपने पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकें।

महाकुंभ मेला क्या है?
महाकुंभ मेला एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक मेला है, जो हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है । महाकुंभ मेला का आयोजन चार प्रमुख स्थलों पर होता है - हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, और नासिक। प्रयागराज में नदियों का संगम होता है, और यहां स्नान करने से पापों का नाश होने का विश्वास है। आइये जानते हैं प्रयागराज में कुम्भ के समय गंगा में स्नान का इतना महत्व क्यों है।

महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 12 सालों के बाद आने वाला मेला है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु पूरे भारत और दुनिया भर से आते हैं। यहाँ पर होने वाले गंगा स्नान (Ganga Snan) को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस दिन अगर कोई श्रद्धालु गंगा में स्नान करता है, तो उसके सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

त्रिवेणी संगम पर गंगा स्नान क्यों है इतना खास?
त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का महत्व बहुत अधिक है। यह संगम गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल है। हिन्दू धर्म में इन नदियों को देवता माना जाता है, और इनका संगम मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खोलता है। जब कोई व्यक्ति त्रिवेणी संगम पर स्नान करता है, तो उसका शरीर और आत्मा शुद्ध होती है और वह आत्मिक शांति प्राप्त करता है। इस स्थान पर स्नान करने से पापों की मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है, जो किसी भी अन्य स्थान पर स्नान करने से नहीं मिलती।

महाकुंभ के दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियाँ
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का भी बड़ा केंद्र है। यहाँ पर हर साल विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान, साधु-संतों के प्रवचन, और मंत्रोच्चारण होते हैं। साथ ही, यहाँ पर शाही स्नान (Royal Bath) और कुम्भ स्नान (Kumbh Snan) के दौरान विशेष आयोजन होते हैं। श्रद्धालु यहाँ पर धर्म-दीक्षा, ध्यान, और साधना भी करते हैं, जो उनके जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाता है।

महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन का समय और स्थान
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर होगा। यह मेला 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान विशेष शाही स्नान, संगम दर्शन, और धार्मिक कृत्य आयोजित किए जाएंगे। लाखों लोग यहाँ पर पवित्र गंगा स्नान करने के लिए आएंगे।

कैसे पहुंचे महाकुंभ मेला 2025?
महाकुंभ मेला 2025 के लिए प्रयागराज का मार्ग बहुत सरल है। आप रेल, सड़क और वायु मार्ग से प्रयागराज पहुंच सकते हैं। प्रयागराज में यात्री सुविधाओं का खास ध्यान रखा जाता है, और यहां पर श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई टेंट, शौचालय, और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
ALSO READ: महाकुंभ, अर्ध कुंभ और पूर्ण कुंभ में क्या है अंतर, जानिए क्यों है इनमें इतना फर्क
 
महाकुंभ मेला एक दिव्य और अद्वितीय अनुभव है जो हर हिंदू को एक बार जरूर होना चाहिए। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का एक जीवंत प्रतीक है। महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा और यह न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। अगर आप भी अपने जीवन के पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस अद्भुत अवसर का हिस्सा बनें और त्रिवेणी संगम पर गंगा स्नान का लाभ उठाएं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण  आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi