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Mahakumbh 2025 में महारिकॉर्ड, 64 करोड़ लोगों ने लगाई संगम में डुबकी, क्या शिवरात्रि पर टूटेगा मौनी अमावस्या का रिकॉर्ड?

26 फरवरी को शिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक गंगा और संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ से भी ऊपर पहुंच सकती है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

महाकुंभ नगर , बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (00:01 IST)
kumbh mela prayagraj 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का आगमन मंगलवार को भी जारी रहा और 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान के साथ डुबकी लगाने वालों की संख्या 64 करोड़ को पार कर गई। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को शाम आठ बजे तक 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई और 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुंभ में अभी तक 64.60 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। 
 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेशवासियों और महाकुंभ में स्नान के लिए आए संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 26 फरवरी को शिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक गंगा और संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ से भी ऊपर पहुंच सकती है। महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां डुबकी लगाने पहुंचे। नेपाल से भी 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं।
 
अब तक डुबकी लगाने वालों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान किया। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
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पूरा शहर नो व्हीकल जोन : इसी क्रम में पुलिस और प्रशासन ने महाकुंभ नगर और प्रयागराज शहर को नो व्हीकल जोन घोषित किया है। महाकुंभ नगर से लेकर प्रयागराज शहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ से ठसाठस भरा है। आज महाशिवरात्रि को आखिरी अमृत स्नान होने की वजह से भीड़ और बढ़ने की संभावना है। दूसरे शहरों या राज्यों से आने वाली बसें और ट्रेनें भरकर आ रही हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने खुद के वाहनों से भी महाकुंभ नगर पहुंच रहे हैं। ऐसे हालात में भारी भीड़ की संभावना के मद्देनजर तय किया है कि महा शिवरात्रि पर कहीं भी सड़कों में जुलूस या शिव बारात नहीं निकालने दिया जाएगा। 

जुलूस या शिव बारात नहीं : महाकुंभ नगर प्रशासन और प्रयागराज जिला प्रशासन ने शहर के सभी शिव मंदिरों के पुजारियों और प्रबंधकों के साथ बैठक की। इसमें तय किया गया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर किसी तरह का जुलूस या शिव बारात आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा। शिव मंदिर सभी खुले रहेंगे और श्रद्धालु यहां दर्शन पूजन भी करेंगे। हालांकि पूरे शहर में कहीं भी किसी तरह का भीड़भाड़ वाला आयोजन नहीं किया जाएगा।

रेलवे की अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की योजना : रेल मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि महाशिवरात्रि पर अंतिम अमृत स्नान के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से प्रयागराज महाकुंभ में पहुंच रहे तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई गई हैं। मंत्रालय की ओर से जारी किये गये बयान में कहा गया है, ‘‘महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को है, ऐसे में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करने के लिए प्रयागराज में एकत्रित हुए हैं।’’
 
बयान में कहा गया है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षित और आरामदेह वापसी के लिए कुल 350 ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है। मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो दिनों-- रविवार और सोमवार को बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड में स्टेशनों पर अंतिम अमृत स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक रही।
 
मंत्रालय ने कहा,‘‘अमृत स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोगों के अपने गृहनगर लौटने की उम्मीद है, जिससे रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ होने की संभावना है।’’ उसने कहा,‘‘इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं तथा सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।’’इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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