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झूंसी का 'सच' क्यों छिपा रहा है कुंभ प्रशासन? प्रयागराज महाकुंभ की दूसरी भगदड़ का खुलासा!

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संगम के विपरीत दिशा में स्थित झूंसी में भी ऐसा ही हादसा हुआ, हैरानी की बात यह है कि प्रशासन इस घटना पर पूरी तरह चुप्पी साधे बैठा है।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (13:21 IST)
Prayagraj Mahakumh Stampede : प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात सिर्फ संगम ही नहीं, बल्कि झूंसी में भी भगदड़ मची थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संगम के विपरीत दिशा में स्थित झूंसी में भी ऐसा ही हादसा हुआ, जिसमें कई लोगों की मौत हुई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रशासन इस घटना पर पूरी तरह चुप्पी साधे बैठा है। दूसरी भगदड़ का “भयंकर सच” क्यों छुपाया जा रहा है? ALSO READ: किन्नर अखाड़े की कार्रवाई, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को पद से हटाया
 
गुरुवार सुबह 11 बजे यूट्यूब पर अपलोड हुए एक वीडियो में इस दूसरी भगदड़ का बड़ा खुलासा किया गया। रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों और मौके पर मौजूद प्रशासनिक अमले के हवाले से बताया गया कि भगदड़ के बाद घटनास्थल से सबूत हटाने के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया।
 
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झूंसी में भगदड़ इतनी भयावह थी कि वहां भारी संख्या में जूते-चप्पल बिखरे पड़े थे। यहां तक कि ट्रालियों में भरकर वस्त्र ले जाए जा रहे थे। यह दृश्य अपने आप में बताने के लिए काफी था कि भगदड़ कितनी भयानक रही होगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन इस घटना को क्यों छुपा रहा है?
 
झूंसी की भगदड़ पर प्रशासन की चुप्पी पर सवाल : अगर भगदड़ सिर्फ संगम पर हुई थी, तो झूंसी में इतनी भारी मात्रा में जूते-चप्पल और कपड़े कैसे बिखरे पड़े थे? भगदड़ के बाद प्रशासन को जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद क्यों लेनी पड़ी? ALSO READ: क्या 5 फरवरी को प्रयागराज जाएंगे PM मोदी, मौनी अमावस्या पर हादसे के बाद VIP culture पर उठ रहे हैं सवाल
 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झूंसी में भगदड़ की खबर दबाने की कोशिश की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस भगदड़ में कई लोग हताहत हुए, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है।
 
झूंसी की भगदड़ से जुड़े अनसुलझे सवाल
  • क्या प्रशासन इस भगदड़ को छुपाने की कोशिश कर रहा है?
  • अगर यह घटना नहीं हुई, तो इतनी संख्या में जूते-चप्पल और कपड़े कहां से आए?
  • अगर प्रशासन को कुछ छुपाना नहीं है, तो वह इस मामले पर आधिकारिक बयान क्यों नहीं दे रहा?
  • झूंसी में भगदड़ कितनी बड़ी थी, जिसके निशान आज भी मौजूद हैं?
  • इस हादसे में कितने लोग हताहत हुए और क्यों प्रशासन कोई जानकारी साझा नहीं कर रहा?
 
प्रशासन को देना होगा जवाब : महाकुंभ जैसा विशाल आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है, लेकिन यदि ऐसी भयावह घटनाओं को दबाने की कोशिश की जाती है, तो यह एक गंभीर प्रशासनिक विफलता होगी। झूंसी की भगदड़ को लेकर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या सच में कोई बड़ी साजिश हो रही है या फिर प्रशासन की नाकामी को छुपाने की कोशिश हो रही है? ALSO READ: कुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं के प्रसाद में दरोगा ने फेंकी राख, दरोगा सस्पैंड
 
इस पूरे मामले पर आपका क्या कहना है? क्या आपको भी लगता है कि प्रशासन इस सच को छुपा रहा है? कमेंट में अपनी राय जरूर दें!

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