Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Prayagraj Mahakumbh 2025: 45 दिन चलेगा महाकुंभ, जानें शाही स्नान के अलावा कब कर सकते हैं स्नान, नोट कर लें डेट्स और शुभ मुहूर्त

प्रयागराज महाकुंभ 2025: शाही स्नान के अलावा स्नान के शुभ दिन और महत्व

Advertiesment
हमें फॉलो करें Prayagraj Mahakumbh 2025: 45 दिन चलेगा महाकुंभ, जानें शाही स्नान के अलावा कब कर सकते हैं स्नान, नोट कर लें डेट्स और शुभ मुहूर्त

WD Feature Desk

, सोमवार, 27 जनवरी 2025 (18:43 IST)
महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलता है। प्रयागराज महाकुंभ में पहला शाही स्नान मकर संक्रांति को, दूसरा पौष पूर्णिमा को हो गया है और अब तीसरा मौनी अमावस्या को, चौथा बसंत पंचमी को, पांचवां माघ पूर्णिमा को और छठा महाशिवरात्रि को रहेगा। कुल छह शाही स्नान होते हैं। इस दिन बड़ी भीड़ रहती है। साधुओं के साथ हर कोई स्नान करना चाहता है। यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं या आप इन दिनों स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो जानिए की फिर कब करें स्नान। हालांकि, पर्व स्नान के दिनों में संगम क्षेत्र में विशेष भीड़ होती है, क्योंकि इन तिथियों को अत्यंत शुभ माना जाता है। आप स्नान की योजना बनाते समय आयोजकों द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस, ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन से संबंधित जानकारी का ध्यान जरूर रखें।ALSO READ: Mauni Amavasya Mahakumbh: यदि मौनी अमावस्या पर पर कुंभ में नहीं कर पा रहे हैं स्नान तो घर पर ही करें इस तरह से स्नान, मिलेगा लाभ
 
  • पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी 2025 (पहला स्नान)
  • मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025 (दूसरा स्नान)
  • मौनी अमावस्या: 29 जनवरी 2025 (तीसरा स्नान)
  • बसंत पंचमी: 3 फरवरी 2025 (चौथा स्नान)
  • माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025 (पांचवां स्नान)
  • महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025 (आखिरी स्नान)
कब करें स्नान: 
प्रयागराज महाकुंभ में शाही स्नान के अलावा भी आम श्रद्धालु अलग-अलग तिथियों पर पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं। महाकुंभ के दौरान, विभिन्न शुभ तिथियों पर स्नान का विशेष महत्व होता है। इन तिथियों को पर्व स्नान कहा जाता है। ये तिथियां हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती हैं और इनमें स्नान करना धार्मिक दृष्टि से फलदायी माना जाता है। इन तिथियों के अलावा महाकुंभ के पूरे आयोजन के दौरान, कोई भी श्रद्धालु अपनी सुविधानुसार संगम में स्नान कर सकता है, क्योंकि पूरे 45 दिनों तक ही नदी का जल अमृत के समान रहता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं। मान्यता है कि कुंभ मेले में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
webdunia
30 जनवरी: आप इस दिन भी स्नान कर सकते हैं क्योंकि इस दिन से माघ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगी। इस दिन प्रात: 05:25 से 07:10 तक स्नान कर सकते हैं। नवरात्रि के पूरे नौ ही दिन शुभ हैं।ALSO READ: महाकुंभ में अभी बचे हैं 4 शाही स्नान, जानिए तारीख, महत्व और गंगा में डुबकी लगाने का प्लान
 
01 फरवरी: इस दिन विनायक चतुर्थी रहेगी यह भी शुभ दिन है। इस दिन प्रात: काल प्रात: 05:24 से 07:09 के बीच स्नान कर सकते हैं।
 
04 फरवरी: इस दिन शीतला षष्ठी के अलावा नर्मदा जयंती रहेगी। यह भी बहुत शुभ दिन है। इस दिन प्रात: काल प्रात: 05:23 से 07:08 के बीच स्नान कर सकते हैं।
 
08 फरवरी: इस दिन जया एकादशी रहेगी। इस एकादशी को भीष्म और अजा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन प्रात: काल प्रात: 05:21 से 07:05 के बीच स्नान कर सकते हैं।
 
13 फरवरी : कुंभ संक्रांति के बाद 13 फरवरी को प्रात: काल प्रात: 05:18 से 07:01 के बीच स्नान कर सकते हैं।
 
उपरोक्त के अलावा 23 फरवरी को शीतलाष्टमी के दिन, 24 फरवरी को विजया एकादशदी के दिन और 25 फरवरी को प्रदोष के दिन स्नान करके पुण्यलाभ ले सकते हैं। 26 फरवरी को अंतिम शाही स्नान रहेगा।ALSO READ: Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में जा रहे हैं तो जानिए कि किस साधु के कैंप में जाने से क्या मिलेगा लाभ

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi