Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में जा रहे हैं तो जान लें ये खास जानकारी

देश में आयोजित होने वाला कुंभ मेला एक पवित्र तीर्थ यात्रा है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं।

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kumbh Mela

WD Feature Desk

, बुधवार, 15 जनवरी 2025 (13:24 IST)
2025 Prayagraj Kumbh Mela: 13 जनवरी से प्रयागराज कुंभ में दुनिया के सबसे बड़े मेले का आयोजन हो चुका है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जो हर 12 साल में 4 प्रमुख स्थानों- प्रयागराज, हरिद्वार नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है और इस मेले में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं। कुंभ मेले का इतिहास बहुत पुराना है। और कुंभ मेले को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बार उत्तर प्रदेश, भारत में त्रिवेणी संगम पर आयोजित होने वाला यह मेला बहुत ही खास और अद्‍भुत रहने वाला है।ALSO READ: महाकुंभ में अब नहीं होगा शाही स्नान, जानिए क्यों बदल रही है सदियों पुरानी परंपरा
 
आइए जानते हैं कुंभ मेले से संबंधित खास विस्तृत जानकारी...
 
कुंभ स्नान 2025, के नियम: kumbh snan ke niyam: आपको बता दें कि कुंभ स्नान के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इन नियमों का पालन करने से स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है। तथा कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा साधन भी माना जाता है। कुंभ स्नान करते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़ा होना चाहिए।ALSO READ: कुंभ मेले का क्या है चीन कनेक्शन? जानिए कुंभ का रोचक इतिहास
 
* शाही स्नान: कुंभ मेले में कुछ विशेष दिनों को शाही स्नान के रूप में मनाया जाता है। इन दिनों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। शाही स्नान के दिन साधु-संतों के स्नान के बाद ही गृहस्थों को स्नान करना चाहिए। कुंभ मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। मेले में साधु-संतों का जमावड़ा लगता है और विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ आते हैं। 
 
वर्ष 2025 में निम्न तिथियों पर होगा शाही स्नान royal bath dates। आइए जानते हैं...
 
1. 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) - शाही स्नान संपन्न।
2. 14 जनवरी (मकर संक्रांति) - शाही स्नान संपन्न।
3. 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) - शाही स्नान।
4. 03 फरवरी (बसंत पंचमी) - शाही स्नान।
5. 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) - शाही स्नान।

webdunia
कुंभ स्नान के समय क्या करें और क्या न करें... kumbh snan dos and donts 
 
क्या करें :
शाही स्नान के दिन साधु-संतों के बाद स्नान करें।
शरीर को साफ करके स्नान करें।
मन को शांत रखें।
कम से कम पांच डुबकी लगाएं।
 
क्या न करें :
शाही स्नान के दिन साधु-संतों से पहले स्नान न करें
स्नान करते समय साबुन, शैंपू आदि का प्रयोग न करें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
सिर्फ एक ही बार डुबकी न लगाएं।
 
* शाही स्नान पर रखें शुद्धता का ध्यान Shahi snan tips : स्नान करने से पहले शरीर को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। स्नान के दौरान साबुन, शैंपू आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मन की शुद्धि हेतु स्नान के दौरान मन को शांत रखना चाहिए और किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। और कुंभ में स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगाना चाहिए। इस अवसर पर स्नान के बाद दान-पुण्य के कार्य करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा स्नान के दौरान मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। 
 
कुंभ स्नान का महत्व Prayagraj Kumbh Importance : कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा साधन माना जाता है। मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, कुंभ स्नान से मन शांत होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। अत: कुंभ स्नान एक पवित्र अनुष्ठान है। कुंभ स्नान के नियमों का पालन करके व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: चंद्रमा की इस गलती की वजह से लगता है महाकुंभ, जानिए पौराणिक कथा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi