नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि रेलवे ने परिचालन अनुपात को बेहतर कर अगले वित्त वर्ष में इसे 88.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले 9 साल में सबसे बेहतर है।
किसी व्यावसायिक संगठन में परिचालन अनुपात उनकी आय में परिचालन खर्च के अनुपात को दर्शाता है और उसकी कार्यकुशलता का पैमाना है। परिचालन अनुपात जितना कम होता है तो इकाई की बचत उसी अनुपात में बेहतर होगी। वित्त वर्ष 2014-15 में परिचालन अनुपात 91.8 प्रतिशत तथा उससे पूर्व वित्त वर्ष में 93.6 प्रतिशत था।
प्रभु ने कहा कि उन अतिरिक्त संसाधनों जिनका हम निवेश करेंगे उससे अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए हमें परिचालन और व्यावसायिक कुशलता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि मैं 2015-16 के लिए परिचालन अनुपात 88.5 प्रतिशत प्रतिशत का प्रस्ताव करता हूं जो 2014-15 में 91.8 प्रतिशत तथा 2013-14 में 93.6 प्रतिशत था। रेलमंत्री ने कहा कि मुझे यह बताने में खुशी हो रही है कि यह न केवल पिछले 9 साल का बल्कि 6ठे वेतन आयोग के बाद का भी सर्वोत्तम परिचालन अनुपात वाला वर्ष होगा।
उन्होंने कहा कि हम परिचालन कुशलता में निरंतर सुधार तब तक नहीं कर सकेंगे जब तक कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी न लाई जाए, जवाबदेही को सुदृढ़ नहीं किया जाए तथा प्रबंधन सूचना प्रणाली में सुधार न किया जाए।
प्रभु ने कहा कि बड़े परिवर्तन लाने की हमारी इस यात्रा की सफलता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर और उनका विकास करके उनकी प्रतिभा को निखारा जाए।
उन्होंने कहा कि 2014-15 के लिए रेलवे की कुल प्राप्ति को संशोधित कर 1,63,450.13 करोड़ रुपए किया गया है और 2015-16 में इसके 1,88,556.70 करोड़ रुपए रहने का प्रस्ताव है। (भाषा)