Nathdwara election news : राजस्थान की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में एक मानी जा रही नाथद्वारा सीट पर दिग्गज कांग्रेस नेता और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का मुकाबला मेवाड़ राजघराने के कुंवर विश्वराज सिंह से है। राजसमंद जिले की इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
विश्वराज टिकट मिलने से 4 दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। उनके पिता महेंद्रसिंह मेवाड़ भी भाजपा के टिकट पर चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं। उनके दादा महाराणा भगवत सिंह 1969 में सर्वसम्मति से विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष भी बने थे।
सीपी जोशी का गढ़ है नाथद्वारा : नाथद्वारा सीट से सीपी जोशी 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। 1980, 1985, 1993 और 2003 में वे यहां से विधायक चुने गए। 2008 के चुनाव में उन्हें भाजपा के कल्याण सिंह चौहान के हाथों मात्र 1 वोट हार का सामना करना पड़ा था। 2013 में यहां से कल्याण सिंह चौहान को जीत मिली। 2018 के चुनावों में उन्होंने भाजपा के महेश प्रताप सिंह को 16940 वोटों से हराया था। इस चुनाव में सीपी जोशी के 88,384 वोट मिले तो महेश प्रताप सिंह के खाते में 71,444 वोट आए।
दोनों ने प्रचार में झोंकी ताकत : भाजपा हर हाल में नाथद्वारा सीट जीतना चाहती है। पीएम मोदी 6 माह पहले ही यहां चुनाव सभा कर चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नाथद्वारा में पार्टी प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थन में रोड शो कर चुके हैं। वहीं जोशी के समर्थन में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह सभा ले चुके हैं।
किसका पलड़ा भारी : नाथद्वारा में ऑनलाइन कियोस्क चलाने वाले हरीश बागोरा ने बताया कि वैसे तो यहां पालीवाल ब्राह्मण समाज के सीपी जोशी का पलड़ा भारी है लेकिन भाजपा ने मेवाड़ राजपरिवार से विश्वराजसिंह को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। लोगों में राजपरिवार के प्रति आस्था है ऐसे में सीपी जोशी के लिए मुकाबला बेहद मुश्किल हो गया है।
नाथद्वारा धार्मिक नगरी है। यहां के लोग पूरी तरह श्रीनाथजी और पर्यटन पर आश्रित है। भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे विश्वराजसिंह सनातन धर्म और हिंदुत्व का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्हें इसका भी फायदा मिल सकता है।
यहां के लोगों की कांग्रस सीपी जोशी से कुछ नाराज भी है। उनका कहना है कि नाथद्वारा का जैसा विकास होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ। लिंक सड़कों पर स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है। जैसी सड़कें बननी चाहिए, वैसी नहीं बनी। यहां पार्किंग की भी समस्या है।
हालांकि बागोरा का कहना है कि लोगों को सरकारी योजनाओं का काफी फायदा मिला है। भामाशाह योजना, मुफ्त स्वास्थ्य योजना से लोगों का भला हुआ है। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होने जा रहा है, जबकि परिणाम 3 दिसंबर को घोषित होंगे।