राजस्थान में बंपर वोटिंग से राज बदलेगा या रिवाज?
गहलोत बनाम मोदी के विधानसभा चुनाव में कौन किस पर पड़ेगा भारी?
राजस्थान विधानसभा चुनाव में शनिवार को 199 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। राजस्थान के शहर हो या राज्य हो हर जगह पोलिंग बूथ पर सुबह से वोटर्स की भीड़ नजर आई। राजस्थान में 2018 में 74 फीसदी के करीब मतदान हुआ था वहीं आज जिस तरह से वोटिंग का ट्रैंड देखने को मिला उसे इस बार वोटिंग प्रतिशत इससे अधिक होता नजर आ रहा है। राजस्थान में शाम 5 बजे तक 68 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका है और वोटिंग शाम 6 बजे तक चली। ऐसे में चुनाव आयोग जब अंतिम आंकड़े जारी करेगा तो यह 75 फीसदी से अधिक नजर आएगा।
जीत के अपने-अपने दावे-राजस्थान में वोटिंग के दिन कांग्रेस और भाजपा दिग्गजों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया। अपने गृहनगर वोट डालने पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक अंडर करंट' है और राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी। वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी राज्य में कांग्रेस बनने का दावा करते हुए सभी राज्यों में कांग्रेस की जीत हो रही है और राजस्थान में भी कांग्रेस की जीत हो रही है।
वहीं भाजपा की ओर से राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत होगी और तीन दिसंबर को मतगणना के बाद कमल खिलेगा। वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अंडर करंट वाले बयान पर वास्तव में अंडर करंट है, लेकिन यह भाजपा के पक्ष में है। वहीं भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जनादेश मिलेगा।
बंपर वोटिंग से कितना फायदा?- राजस्थान में बंपर वोटिंग से किसे फायदा मिलेगा अब यह चर्चा के केंद्र में है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में लोकतंत्र के महापर्व में महिलाओं की जमकर भागीदारी नजर आई। राजस्थान में इस बार गारंटी बनाम गारंटी का विधानसभा चुनाव था, एक तरफ पीएम मोदी की गारंटी तो दूसरी ओर सत्ता में काबिज कांग्रेस की सात गारंटी प्रमुख चुनावी मुद्दा थी। ऐसे में अब यह तो 3 दिसंबर को पता चलेगा कि राज्य की जनता ने किसकी गारंटी पर भरोसा किया।
वहीं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राज्य में वोटिंग के दौरान कुछ इलाकों में ध्रुवीकरण भी देखा गया। भाजपा ने पूरे विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व का मुद्दा जोर-शोर से उठाया और उसका चुनावी लाभ लेने की भी कोशिश की। वहीं कांग्रेस ने वोटर्स के ध्रुवीकरण करने भी पुरजोर कोशिश की। वहीं राजस्थान में बंपर वोटिंग से दो दर्जन से अधिक विधानसभा की ऐसी सीटें जहां त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा था वहां पर कौन बाजी मारेगा, यह भी बड़ा सवाल बन गया है।