जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार का दौर शबाब पर है। कांग्रेस व भाजपा सहित सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा 25 से ज्यादा केंद्रीय नेता राज्य के 20 जिलों में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में डेरा डाले हुए हैं तो कांग्रेस ने भी एक दर्जन नेताओं को विभिन्न जिलों की कमान सौंप रखी है। राजस्थान में चुनाव प्रचार पर दो दिसंबर को शाम पांच बजे से रोक लग जाएगी। ऐसे में चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने इस बार प्रचार के नए तरीके ढूंढ निकाले हैं। कोई जगह-जगह सिक्कों से तुलकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटा है तो कोई स़ड़क पर पैदल मार्च कर मतदाताओं को लुभाने में जुटा है। भाजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे एक उम्मीदवार तो अपने साथ सिक्कों से भरा थैला लेकर चलते हैं। उन्हें जहां भी थोड़ी सी भी़ड़ नजर आती है सिक्कों से भरा थैला और साथ में लाया तराजू उनके सामने कर देते हैं। कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने तो 50 से अधिक मजदूरों को बस घूमने-फिरने के लिए पांच दिन के लिए किराए पर ले रखा है।
प्रतिदिन तीन सौ रुपए लेने वाले ये मजदूर दिनभर इस प्रत्याशी के पोस्टर हाथ में लेकर सड़कों का चक्कर लगाते हैं। विद्याधर नगर से भाकपा माले के उम्मीदवार हरकेश बुगालिया ऊंट-गाड़ी में बैठकर प्रचार कर रहे हैं तो झुंझनूं जिले के एक उम्मीदवार गधा-गाड़ी पर रैली निकालकर निचले तबके के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। बीकानेर जिले की एक विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमा रहे एक उम्मीदवार तो अपने समर्थकों के साथ सर मूंडवाकर वोट मांग रहे हैं।
अपने उम्मीदवारों के प्रचार अभियान में राज्य की कई दिग्गज हस्तियां भी कूद पड़ी हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत अपने दामाद व विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार नरपतसिंह राजवी के समर्थन में जुटे हैं तो केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला अपने पुत्र व झुंझनूं से कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र ओला के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। भाजपा के करीब दो दर्जन केंद्रीय नेता चुनाव प्रचार के लिए पिछले एक सप्ताह से राजस्थान में डेरा डाले हुए हैं। (नईदुनिया)