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चंबल के बीहड़ों में कठिन डगर है बूथ की

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धौलपुर , शुक्रवार, 29 नवंबर 2013 (10:18 IST)
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धौलपुर। निर्वाचन विभाग द्वारा चलाए गए मतदाता जागरूकता अभियान के बाद भी चंबल नदी के बीहड़ वाले धौलपुर जिले में मतदान का प्रतिशत 90 के आसपास नहीं पहुंच पाएगा। बीहड़ में स्थित कुछ गांव तथा ढाणियों के मतदाताओं को कई जगह 5 किमी से अधिक पैदल जाना पड़ेगा, क्योंकि उनके गांव से मतदान केंद्र काफी दूर है।

1 दिसंबर को होने जा रहे मतदान में अधिक से अधिक मतदान के लिए निर्वाचन विभाग ने जिलेभर में अभियान चलाया, मानव श्रृंखला बनाई तथा हस्ताक्षर अभियान चलाया। इससे नगरीय मतदाताओं में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन बीहड़ में रहने वाले मतदाता पर इन प्रयासों का असर पड़ता दिखाई नहीं दिया। इसके पीछे मतदान केंद्रों से ढाणियों की अधिक दूरी भी है।

धौलपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र सागरपाड़ा शेखूपुर में चंबल नदी के किनारे रहने वाले मतदाताओं के साथ राजघाट के नागरिकों को वोट डालने आना है। मल्लाह समुदाय के इन मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र तक आने के लिए सड़क नहीं है तथा उन्हें बीहड़ के रास्तों से आना पड़ेगा जिसकी दूरी मतदान केंद्र से 5 किमी के आसपास है।

इसी प्रकार धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में ही मतदान केंद्र भमरोली पर गांव हथियाखार के मतदाताओं के वोट पड़ेंगे जिनको करीब 5 किमी पैदल चलकर आना होगा। तसीमों केंद्र पर 3 किमी दूर को गांव नंदपुरा के मतदाता चलकर पहुंचेंगे जबकि गांव हिन्नोदा का पुरा के ग्रामीणों को 3 किमी चलकर पुरापनी छाबनी मतदान केंद्र पर आना है।

धौलपुर के बाडी विधानसभा क्षेत्र के बूथ सोने का गुर्जा पर भैडेकी के मतदाताओं को 4 किमी चलकर आना है जबकि सेवर मतदान केंद्र पर तोर व खेरेटी के ग्रामीणों को आना है। ये दोनों गांव बेचिराग हो गए है तथा बदमाशों के आतंक से ग्रामीण गांव व घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं।

पाली मतदान केंद्र पर बुडावली, नयापुरा के ग्रामीण कई किमी चलकर पहुंच सकते हैं जबकि गांव मोती कोटरा, झझेबाई के लिए न तो कोई रास्ता है और न ही कोई सुविधा। यहां के मतदाता गत चुनावों में मतदान से दूर रहे, क्योंकि उनके गांव तक कोई प्रत्याशी ही नहीं पहुंच पाता है। इसका कारण गांवों का बीहड़ तथा घाटियों में होना है। (वार्ता)

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