Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बागियों ने बिगाड़ा दिग्गजों का खेल

Advertiesment
हमें फॉलो करें बागियों ने बिगाड़ा दिग्गजों का खेल
जयपुर , सोमवार, 25 नवंबर 2013 (17:56 IST)
FILE
जयपुर। राजस्थान में चौदहवीं विधानसभा के आगामी 1 दिसंबर को हो रहे चुनाव में बागियों और निर्दलीय ने दोनों ही बड़े दलों भाजपा एवं कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए हैं।

तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा और कांग्रेस अपने अधिकतर बागियों को मनाने में नाकाम रही और आखिर दोनों ही पार्टियों ने मान-मनोव्वल के बावजूद चुनाव मैदान में डटे रहे बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।

बागियों के डटे रहने से भाजपा और कांग्रेस की 18 कि 18 सीटें मुकाबले में फंसी हैं और दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों को नुकसान होने की आशंका है।

मण्डावा में टिकट कटने से खफा मौजूदा विधायक रीटा चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है वहीं कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यहां रीटा के मैदान में होने के कारण पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान चुनावी भंवर में फंस गए हैं।

कांग्रेस के बागियों में नागौर से पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा, लूणी से पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, भीम से पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत, जहाजपुर से पूर्व मंत्री रतनलाल तांबी, आसींद से पूर्व विधायक हंगामीलाल, केकड़ी से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया, मकराना से पूर्व मंत्री अब्दुल अजीज, मसूदा से डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी, नवलगढ़ से राज्यमंत्री राजकुमार शर्मा, डूंगरपुर से पूर्व जिला प्रमुख रतनदेवी भराड़ा, उदयपुर ग्रामीण से देवेन्द्र मीणा, पीपलदा से पूर्व मंत्री, रामगोपाल बैरवा, केशोरायपाटन से पूर्व विधायक घासीलाल, किशनगंज से पूर्व जिला प्रमुख भरत मारन, भादरा से नगरपालिका अध्यक्ष हाजी दाऊद कुरैशी, बाड़ी से पूर्व पालिकाध्यक्ष सलीम तथा गंगापुर से पूर्व विधायक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल पार्टी के सियासी समीकरण बिगाड़ने के लिए मैदान में हैं।

इसी तरह काफी प्रयासों के बावजूद भाजपा भी 18 विधानसभा क्षेत्रों में अपने बागियों को मैदान से हटाने में नाकाम रही है। भाजपा के बागियों में पार्टी प्रत्याशियों को चुनौती देने वालों में सूरसागर से पूर्व महापौर राजेन्द्र गहलोत, भादरा से सरिता चौधरी, पीलीबंगाक से पूर्व विधायक धर्मेंन्द्र मोची, लूणकरणसर से पूर्व मंत्री मानिकचंद सुराणा, झुंझुनूं से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वयोवृद्ध नेता सुमित्रा सिंह, फतेहपुर से गत चुनाव में हारे नंदकिशोर महरिया, सीकर से पूर्व विधायक राजकुमारी शर्मा, अलवर से पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अजय अग्रवाल, भरतपुर से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गिरधारी तिवारी, कठूमर से मौजूदा विधायक बाबूलाल बैरवा, बांसवाड़ा से पूर्व मंत्री दलीचंद मईड़ा, भीम से कैलाश पोखरणा, मसूदा से देहात अध्यक्ष नवीन शर्मा, ब्यावर से पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा, वल्लभनगर से पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर, मनोहर थाना से पूर्व विधायक जगन्नाथ वर्मा, डग से पूर्व विधायक स्नेहलता तथा खानपुर से मौजूदा विधायक अनिल जैन प्रमुख हैं।

दोनों ही पार्टियों के बागी चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। मतों का विभाजन होने पर पार्टियों के चुनाव चिह्न पर खड़े हुए प्रत्याशियों को नुकसान होने की आशंका है। प्रदेश में कई बागी ऐसे भी हैं जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा की टिकट कटने पर नेशनल पीपुल्स पार्टी का दामन थामा और किताब के चिह्न पर मैदान में डटकर वे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाए हुए हैं। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi