Raksha Bandhan 2025: 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। कई लोगों के मन में शंका ही कि क्या इस दिन भद्राकाल रहेगा और राहु काल का समय क्या रहेगा। इसके लिए यहां पर जानिए कि कब से कब तक रहेगा भद्रा काल और राहु काल। इसके बाद किसी शुभ मुहूर्त में राखी बांधना चाहिए।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी।
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।
1. भद्रा काल: 8 अगस्त को दोपहर 02:12 से प्रारंभ होकर 9 अगस्त को तड़के 01:52 (मध्यरात्रि) पर समाप्त हो होगा।
2. राहु काल: राहुकाल सबह 09:07 से 10:47 तक रहेगा। इस बीच राखी न बांधें।
3. दिन का शुभ मुहूर्त: राखी बांधने के लिए सबसे शुभ अभिजीत मुहूर्त है जो 9 अगस्त को दोपहर 12:00 से 12:53 तक रहेगा।
4. रात का शुभ मुहूर्त: रात में लाभ का चौघड़िया रहेगा जो शाम 07:06 से प्रारंभ होकर रात्रि 08:26 तक रहेगा।
9 अगस्त 2025 रहेंगे 5 शुभ योग:
1. सर्वार्थ सिद्धि योग: 8 अगस्त दोपहर 02:28 से 9 अगस्त दोपहर 02:23 तक।
2. सौभाग्य योग: 9 अगस्त प्रात: 04:08 से 10 अगस्त 02:15 AM तक।
3. सुस्थिर योग: तमिल पंचांग अनुसार दोपहर 02:23 से सुस्थिर योग रहेगा। इसके बाद वर्धमान योग रहेगा।
4. नक्षत्र योग: श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ संयोग है।
रक्षा बंधन पर विधिवत राखी बांधने की संपूर्ण विधि
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रक्षा बंधन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं।
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पूजा के बाद भाई और बहन के बैठने के लिए एक पाट रखते हैं।
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इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाते हैं।
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इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करते हैं।
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फिर भाई को पूर्व दिशा में मुख करके पाट पर बैठाती हैं। फिर सिर पर टोपी या रुमाल रखती है।
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पूजा की थाली में कुंकु, चावल, मिठाई, नारियल, राखी आदि रखकर दीप जलाती है।
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फिर भाई के हाथों में नारियल और सवा रुपया रखकर इसके बाद कुंकु, हल्दी और अक्षत से तिलक लगाती हैं।
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शुभ मुहूर्त में तिलक लगाने के बाद दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है।
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इसके बाद मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं।
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बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।
राखी बांधते समय यह मंत्र बोला जाता है:-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।