Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रक्षाबंधन पर्व 2025 पर 2 कविताएं : सावन की फुहारों में, राखी का है ये दिन

Advertiesment
हमें फॉलो करें Rakhi 2025 Hindi poem

WD Feature Desk

, गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (10:26 IST)
कविता 1 : भाई बिना बहना
 
सावन की फुहारों में, 
राखी का है ये दिन। 
भाई बिना बहना, और 
बहना बिना भाई है अधूरा।
 
आज के दिन बहना, 
आती है करने श्रृंगार। 
भाई की कलाई पर, 
प्यार से बांधे ये हार।
 
ये धागा नहीं है कोई, 
ये तो है प्यार का बंधन। 
जन्म-जन्म का है ये रिश्ता,
और हर पल का है ये नमन।
ALSO READ: रक्षाबंधन पर्व 2025 पर 2 कविताएं : सावन की फुहारों में, राखी का है ये दिन
****
कविता 2 : रंग-बिरंगी राखी से
 
चंदा मामा को देख, 
मन में मेरे आया ये ख्याल। 
 
जैसे चंदा की चांदनी, 
वैसे ही मेरा भाई है कमाल।
 
रंग-बिरंगी राखी से, 
सजाऊं तेरी कलाई। 
 
मांगू भगवान से, 
तेरी लंबी हो कमाई।
 
हर पल तू हंसे, 
खुशियाँ हों तेरे जीवन में। 
 
यही दुआ करती हूं, 
हर पल, 
हर दिन,
हर जनम में।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: संभावनाओं से भरी सुबह, उम्मीदों से भरी शाम, पढ़ें 12 राशियों के लिए 07 अगस्त का दैनिक राशिफल