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Raksha Bandhan Rakhi 2024: रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक दोनों का साया, बस यही समय बचा राखी बांधने का

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WD Feature Desk

, सोमवार, 12 अगस्त 2024 (16:42 IST)
Raksha bandhan 2024: सावन माह की पूर्णिमा के दिन रा‍खी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 19 अगस्त 2024 सोमवार के दिन रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा और इसी के साथ ही पंचक भी प्रारंभ होगा। बीच में अशुभ मुहूर्त भी रहेगा। ऐसे में किस समय राखी बांधना उचित रहेगा?ALSO READ: Raksha bandhan 2024: रक्षाबंधन के 7 अचूक उपाय यदि आजमा लिए तो किस्मत पलट जाएगी
 
भद्रा का वास:- 19 अगस्त 2024 को भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा। ज्योतिष मान्यता के अनुसार यदि भद्रा पृथ्‍वीलोक की हो तो ही इसके नियम मान्य होते हैं। इसलिए अधिकतर ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन कभी भी शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं लेकिन कुछ ज्योतिष मान्यता के अनुसार भद्रा कहीं की भी हो यह अशुभ काल रहता है।
 
रक्षा बंधन पर अशुभ काल कब से कब तक रहेगा?
राहुकाल सुबह 07:31 से 09:08 तक रहेगा।
भद्राकाल : प्रात: 05:53 से दोपहर 01:30 तक रहेगा।
दुर्मुहुर्त : दोपहर 12:51 से 01:43 तक रहेगा।
गुलिक काल : दोपहर 02:02 से 03:40 तक रहेगा।
पंचक : शाम 07 बजे से 20 अगस्त तक।
कब बांधें राखी : यानी प्रात: 05 बजकर 53 मिनट से दोपहर 01 बजकर 30 मिनट के बीच राखी नहीं बांध सकते हैं। इसके बाद शाम 7 बजे के पहले तक राखी बांध सकते हैं क्योंकि शाम 7:00 बजे से पंचक प्रारंभ होंगे। इसलिए शाम 7 के पहले ही राखी बांध लें लेकिन उसके बीच अशुभ काल को छोड़ दें।
 
रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:-
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:51 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:35 से दोपहर 03:27 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:56 से 07:18 तक। 
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : शाम 06:56:06 से रात्रि 09:07:31 तक।
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त : मध्याह्न 3:30 से 6:45 मिनट तक।
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रक्षा बंधन राखी मनाने का तरीका:-
  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानआदि से निवृत्त होकर भगवान की पूजा करें। 
  • इसके बाद पर्व मनाने की तैयारी करें। घर को साफ-सुथरा करके अच्छे से सजाएं। 
  • इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाकर रखें।
  • इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करें।
  • फिर भाई को बैठाने के लिए एक पाट लगाएं। अच्छा मुहूर्त देखकर राखी बांधें।
  • भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। 
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
 
  • यदि बहन अपने भाई को राखी बांध रही है तिलक लगाते हुए उपरोक्ति मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
  • इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे।
  • भाई राखी बंधाने के बाद अपनी बहन के पैर छुएं और फिर उसे उपहार और धन दें और उनके जीवन के हर संकट में उनके साथ खड़े रहने का वचन दें। 
  • भाई बड़ा है तो आशीर्वाद दें और बहन की रक्षा का वचन दें।
  • जिन लोगों की बहनें नहीं हैं या जिन बहनों के भाई नहीं है वे आज के दिन किसी को मुंहबोली बहन बनाकर राखी बंधवाएं या मुंहबोले भाई को राखी बांधें तो शुभ फल मिलता है।ALSO READ: रक्षाबंधन पर लॉन्ग वीकेंड पर एक्सप्लोर करें साउथ इंडिया की ये खूबसूरत ट्रैवल डेस्टिनेशन

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