हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडकर के अनुसार 22 अगस्त 2021, रविवार को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। विशेष बात ये है कि इस दिन सावन का आखिरी दिन भी है। इस दिन सावन मास का समापन होगा और 23 अगस्त 2021 से भाद्रपद मास का आरंभ होगा। आओ जानते हैं कि रक्षा बंधन के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए ये 20 कार्य।
1. इस दिन किसी भी प्रकार का क्रोध और विवाद न करें।
2. इस दिन भूलकर भी घमंड या अहंकार का प्रदर्शन न करें।
3. इस दिन बहन या भाई का अपमान न करें। इस दिन आगे रहकर बहन को अपने घर ससम्मान बुलाना चाहिए।
4. कोई ऐसा कार्य न करें जिससे लोगों को पीड़ा पहुंचे और नियम के विरूद्ध हो।
5. इस दिन उदास, निराश या खिन्न न रहें। इस पर्व को हर्षोल्लास और पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ मानना चाहिए।
6. इस दिन किसी भी प्रकार की गंदगी न करें। इस दिन स्वच्छता के नियमों का पालन करें।
7. इस दिन दिशा का ध्यान रखे भूलकर भी भाई को दक्षिण में मुख करने ना बैठाएं।
8. इस दिन शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखें। भूलकर भी राहुकाल या भद्राकाल में राखी न बांधें।
9. काली, टूटी, खंडित राखी न बांधें। माना जाता है कि ऐसी राखी बांधने से अशुभ फल मिलता है।
10. प्लास्टिक राखी भी ना बांधें क्योंकि यह अशुद्ध चीजों से बनती है, ऐसी राखी बांधने से दुर्भाग्य से सारे काम बिगड़ सकते हैं।
11. अशुभ चिन्हों की राखी, भगवान के फोटो वाली राखी भी नहीं भूलकर बांधना चाहिए।
12. बहन को गिफ्ट में काले वस्त्र, नुकीली या धारदार वस्तु, कांच की वस्तु, फोटो फ्रेम, मिक्सी, रुमाल, तौलिया, जुते चप्पल, सैंडल और घड़ी।
13. भूलकर भी इस दिन किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा भी रहती है।
14. राखी बांधते वक्त सिर ढंकना न भूलें। भाई और बहन दोनों का सिर ढका हुआ हो।
15. राखी का धागा काला नहीं होना चाहिए। पीला, सफेद या लाल होना चाहिए।
16. रक्षा बंधन पर राखी बांधने वक्त राखी का मंत्र बोलना नहीं भूलना चाहिए।
17. भाई आरती की थाली में दक्षिणा दिए बगैर अपने स्थान से न उठे।
18. राखी की थाली में तीखे या चरखे पदार्थ नहीं रखना चाहिए।
19. राखी बंधवाने के बाद भाई को अपनी बहन के पैर भी अवश्य छूने चाहिए। रक्षाबंधन के दिन गणेशजी को सर्वप्रथम राखी बांधी जाती है उसके बाद शिवजी, हनुमानजी, श्रीकृष्ण, नागदेव को राखी बांधते हैं। इन्हें राखी बांधना न भूलें।
20. भूलकर भी बाईं कलाई पर राखी न बांधें। दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है।