Sawan posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा है राखी का इतिहास

जो सगी नहीं थीं उन बहनों की सौगात है रक्षाबंधन!

Advertiesment
हमें फॉलो करें रक्षा बंधन
बिशन

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है...सुमन कल्याणपुर द्वारा गाया गया यह गाना रक्षा बंधन का बेहद चर्चित गाना है। भले ही यह गाना बहुत पुराना न हो पर भाई की कलाई पर राखी बांधने का सिलसिला बेहद प्राचीन है। रक्षा बंधन का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है। वह भी तब जब आर्य समाज में सभ्यता की रचना की शुरुआत मात्र हुई थी।

FILE


अगले पेज पर : मुंहबोली बहनों ने शुरु की राखी की परंपरा


रक्षाबंधन पर्व इस बार 20 और 21 को है। लिहाजा बहनों को जहां भाइयों की कलाई में रक्षा का धागा बांधने का बेसब्री से इंतजार है, वहीं दूर-दराज बसे भाइयों को भी इस बात का इंतजार है कि उनकी बहना उन्हें राखी भेजे।

webdunia
FILE


उन भाइयों को निराश होने की जरूरत नहीं होनी चाहिए जिनकी अपनी सगी बहन नहीं है, क्योंकि मुंहबोली बहनों से राखी बंधवाने की परंपरा भी काफी पुरानी है।

असल में रक्षाबंधन की परंपरा ही उन बहनों ने डाली थी जो सगी नहीं थीं। भले ही उन बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो लेकिन उसी बदौलत आज भी इस त्योहार की मान्यता बरकरार है। इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं।

अगले पेज पर : इतिहास के पन्नों से...



रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूं हैं। मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थीं।

webdunia
FILE


उस दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूं को राखी भेजी थी। तब हुमायूं ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था।



दूसरा उदाहरण एलेग्जेंडर व पुरू के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि हमेशा विजयी रहने वाला एलेग्जेंडर भारतीय राजा पुरू की प्रचंडता से काफी विचलित हुआ। इससे एलेग्जेंडर की पत्नी काफी तनाव में आ गईं थीं।

webdunia
FILE


उन्होंने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुना था। सो, उन्होंने भारतीय राजा पुरू को राखी भेजी। तब जाकर युद्ध की स्थिति समाप्त हुई थी। क्योंकि भारतीय राजा पुरू ने एलेग्जेंडर की पत्नी को बहन मान लिया था।



इतिहास का तीसरा उदाहरण पौराणिक काल से है। कृष्ण व द्रोपदी को इसका श्रेय जाता है। कृष्ण भगवान ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान कृष्ण के बाएं हाथ की अंगुली से खून बह रहा था।

webdunia
FILE


इसे देखकर द्रोपदी बेहद दुखी हुईं और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की अंगुली में बांधा जिससे उनका खून बहना बंद हो गया।

तभी से कृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन स्वीकार कर लिया था। वर्षों बाद जब पांडव द्रोपदी को जुए में हार गए थे और भरी सभा में उनका चीरहरण हो रहा था तब कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी।

खैर, यह तो हुई रक्षा बंधन के त्योहार से जुड़ी ऐतिहासिक बातें। हाल-फिलहाल की बात करें तो रक्षा बंधन के त्योहार पर अब सिर्फ राखी ही नहीं, दूर देश अपने भाइयों को राखी भेजने वाले लिफाफों को भी खासी तवज्जो दी जा रही है।



शहर के डाकघरों में आजकल बहनों की खासी भीड़ है। दूर रहने वाले अपने भाइयों को राखी भेजने के लिए वे शहर के डाकघरों में नए किस्म के लिफाफों को खरीद कर राखी भेज रही हैं।

webdunia
FILE


इसमें डाक विभाग द्वारा जारी किया गया वॉटरप्रूफ लिफाफा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जो बारिश में भी आपकी राखी को सुरक्षित रखता है।

नोएडा के डाक विभाग के पोस्टमास्टर आर.डी.शर्मा ने बताया कि यह लिफाफा इसी वजह से मंगाया गया है क्योंकि बरसात का समय होने की वजह से लिफाफे में बंद राखी के भीगने का खतरा रहता है।

लेकिन वॉटरप्रूफ लिफाफा अगर पानी में भी गिर जाएगा तो भी राखी के गलने का खतरा नहीं रहता। महज पांच रुपए में मिलने वाले इन लिफाफों की खरीदारी जमकर हो रही है। अधिकारियों की मानें तो प्रतिदिन पांच दर्जन से ज्यादा लिफाफे बिक रहे हैं।

समाप्त

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi