भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को हिन्दू धर्म के सभी लोग रामनवमी के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। चैत्र नवरात्रि के आरंभ के साथ ही बड़ी उत्सुकता से रामनवमी का इंतजार होता है।
इस वर्ष 6 अप्रैल 2019 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई है, और कैलेंडर के अनुसार 14 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाना चाहिए। परन्तु कई लोगों में इसे लेकर मतभेद हैं कि रामनवमी 13 अप्रैल शनिवार के दिन मनाई जाए या फिर 14 अप्रैल रविवार के दिन?
दरअसल भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस वर्ष पुष्य नक्षत्र एक दिन पहले यानि 13 अप्रैल शनिवार के दिन आ रहा है, जिसके कारण नक्षत्र के आधार पर भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है, और कुछ पंडितों का मानना है कि अगर पुष्य नक्षत्र के आधार पर देखें तो रामनवमी 13 अप्रैल को मनाई जानी चाहिए।
उधर उदया तिथि के अनुसार विचार किया जाए, तो 14 अप्रैल रविवार के दिन नवमी तिथि आ रही है, अत: तिथि के आधार पर इसी दिन रामनवमी का पर्व मनाया जाना चाहिए।
कुछ लोग यहां नक्षत्र के आधार पर राम लला का जन्मोसव मना रहे हैं तो कुछ तिथि के अनुसार। यही कारण है कि इस वर्ष रामनवमी को लेकर अलग-अलग मत देखने को मिल रहे हैं। वेबदुनिया के ज्योतिषियों के अनुसार रामनवमी 13 अप्रैल को ही मनाना शास्त्र सम्मत होगा।