Ram Navami 2024 : हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी/ राम जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी राम नवमी का महापर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाएगा।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष राम नवमी यानी श्री राम जी का जन्मोत्सव पर्व 17 अप्रैल 2024, दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। श्री राम जी के पूजन में शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है, अत: इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत्त हो भगवान का स्मरण करते हुए भक्त व्रत-उपवास रखकर भगवान का भजन व पूजन किया जाना चाहिए-
आइए यहां जानते हैं राम नवमी पूजन की सामग्री और पूजन विधि के बारे में खास जानकारी-
राम नवमी पूजा सामग्री: Ram Navami Puja Samagri List
श्री राम जी की पीतल या चांदी की मूर्ति,
राम दरबार
रोली
मौली
चंदन
अक्षत
कपूर
फूल
माला
तुलसी दल
कुमकुम
पान लौंग
इलायची
अबीर,
गुलाल
ध्वजा
केसर
पंचमेवा
5 फल
हल्दी
इत्र
अभिषेक के लिए सामग्री-दूध
शक्कर
गंगाजल
दही
शहद
घी
मिठाई
पीला वस्त्र
धूप
दीप
सुंदरकांड की किताब,
रामायण की पुस्तक
हवन सामग्री की वस्तुएं
हवन कुंड
गाय का घी
इलायची
शक्कर
चावल
आम की लकड़ी
जौ
कपूर
तिल
पंचमेवा
मुलैठी की जड़
लौंग
आम के पत्ते
पीपल का तना
छाल
बेल
नीम
गूलर की छाल
चंदन की लकड़ी
अश्वगंधा
जटाधारी नारियल
नारियल गोला आदि।
रामनवमी की सरल पूजा विधि:Ram Navami Puja Vidhi
• राम नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान करें।
• फिर स्वच्छ या यदि हो तो नए वस्त्र धारण करें।
• शुभ मुहूर्त में मंदिर की साफ-सफाई करें।
• भगवान का स्मरण करते हुए व्रत-उपवास का संकल्प लें।
• भगवान श्री राम जी की पीतल या चांदी की मूर्ति या राम दरबार चित्र लेकर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पटिए पर रखें।
• मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
• फिर भगवान श्री राम का पंचामृत तथा केसर वाले दूध तथा गंगाजल से अभिषेक करें।
• फिर उनके मस्तक पर अनामिका अंगुली से चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी और चावल लगाएं।
• भगवान को पीले रंग के फूल, वस्त्र, चंदन आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं।
• फिर उन्हें पुष्प माला और फूल चढ़ाएं।
• पूजन में देवताओं के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए।
• परिवार सहित सभी देवी-देवताओं के निमित्त हवन कुंड में आहुति दें।
• फिर दीपक जलाकर उनकी आरती उतारें।
• पूजा करने के बाद प्रसाद/ नैवेद्य या भोग चढ़ाएं। ध्यान रहें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है।
• प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक-एक पत्ता रखें।
• नैवेद्य में पंचामृत, धनिया पंजीरी, मिठाई और श्री राम के प्रिय पकवान उन्हें अर्पित करें।
• भोग में तुलसी पत्र डालकर प्रसाद अर्पित करें।
• साथ ही रामायण का पाठ सुनें।
• घर में सुंदरकांड का पाठ करें।
• यदि घर में श्रीरामचरितमानस उपलब्ध हैं तो उसकी भी पूजा करें।
• मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नम:' का 108 बार जाप करें।
• एक कटोरी में गंगाजल लेकर घर में छिड़काव करें।
• पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों के माथे पर तिलक लगाएं।
• इसके बाद घर की छत पर ध्वजा लगाएं।
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