Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राम नवमी : राम से भी बड़ा राम का नाम

हमें फॉलो करें राम नवमी : राम से भी बड़ा राम का नाम
अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' 
 
इक्क्षवाकु कुल में हिंदुओं के कई महान पुरुषों ने जन्म लिया। उनमें से एक हैं प्रभु श्रीराम। प्रभु श्रीराम को जानना हो तो सिर्फ वाल्मीकि की 'रामायण' से जानो।


 
प्रभु श्रीराम पर बहुत लिखा और कहा गया है। राम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुरुष थे इसीलिए उन्हें पुरुषोत्तम कहा गया है। प्रभु श्रीराम के जीवन को हम लीला इसलिए कहते हैं कि खुद प्रभु श्रीराम ने वैसा जीवन रचा था। तभी तो कहते हैं प्रभु श्रीराम की लीला। श्रीराम लीला।
 
आज दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो प्रभु श्रीराम को नहीं जानता हो। फिल्म, कार्टून और तमाम अन्य साधनों के अलावा प्रभु श्रीराम पर हो रहे विवाद ने वर्तमान में प्रभु श्रीराम को पुन: जन-जन तक पहुँचा दिया है।

राम या मार : राम का उल्टा होता है म, अ, र अर्थात मार। मार बौद्ध धर्म का शब्द है। मार का अर्थ है-इंद्रियों के सुख में ही रत रहने वाला और दूसरा आँधी या तूफान। राम को छोड़कर जो व्यक्ति अन्य विषयों में मन को रमाता है, मार उसे वैसे ही गिरा देती है, जैसे सूखे वृक्षों को आँधियाँ।

webdunia

 
तारणहार राम का नाम : श्रीराम-श्रीराम जपते हुए असंख्य साधु-संत मुक्ति को प्राप्त हो गए हैं। प्रभु श्रीराम नाम के उच्चारण से जीवन में सकारात्क ऊर्जा का संचार होता है। जो लोग ध्वनि विज्ञान से परिचित हैं वे जानते हैं कि 'राम' शब्द की महिमा अपरम्पार है।
 
जब हम 'राम' कहते हैं तो हवा या रेत पर एक विशेष आकृति का निर्माण होता है। उसी तरह चित्त में भी विशेष लय आने लगती है। जब व्यक्ति लगातार 'राम' जप करता रहता है तो रोम-रोम में प्रभु श्रीराम बस जाते हैं। उसके आसपास सुरक्षा का एक मंडल बनना तय समझो। प्रभु श्रीराम के नाम का असर जबरदस्त होता है। आपके सारे दुःख हरने वाला सिर्फ एकमात्र नाम है- 'हे राम।'

व्यर्थ की चिंता छोड़ो :
 
होइहै वही जो राम रचि राखा।
को करे तरफ बढ़ाए साखा।।

webdunia
'राम' सिर्फ एक नाम नहीं हैं और न ही सिर्फ एक मानव। राम परम शक्ति हैं। प्रभु श्रीराम के द्रोहियों को शायद ही यह मालूम है कि वे अपने आसपास नर्क का निर्माण कर रहे हैं। इसीलिए यह चिंता छोड़ दो कि कौन प्रभु श्रीराम का अपमान करता है और कौन सुनता है।

राम की ऐतिहासिकता : चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन राम का जन्म हुआ था। चेन्नई की एक गैर-सरकारी संस्था 'भारत ज्ञान' ने कई वर्षों की शोध से यह पता लगाया कि राम का जन्म 5114 ई.पू. 10 जनवरी को हुआ था।
 
webdunia

 
राम के बारे में यह शोध मुंबई में अनेक वैज्ञानिकों, विद्वानों, व्यवसाय जगत की हस्तियों के सामने प्रस्तुत किया गया था। इस शोध के तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए इसके संस्थापक ट्रस्टी डीके हरी ने बताया कि इस शोध में वाल्मीकि रामायण को मूल आधार मानते हुए अनेक वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक, ज्योतिषीय और पुरातात्विक तथ्यों की मदद ली गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi