Ram Navami Puja Vidhi: प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रामदूत हनुमान जी की पूजा के बैगर रामनवमी का उत्सव अधूरा ही माना जाएगा। इस दिन रामजी के साथ ही हनुमानजी की पूजा भी की जाती है। आओ जानते हैं रामनवमी पर कैसे करें राम हनुमान की पूजा।
रामजी के साथ हनुमानजी की पूजा करने से श्रीरामजी प्रसन्न होते हैं और रामजी का गुणगान करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं। दोनों का आशीर्वाद मिल जाने से जीवन धन्य हो जाता है। यदि निम्नलिखित पूजा को मंत्रों के साथ करते हैं तो और भी अच्छा है। जैसे धूपं दीपम मंत्र सहित सभी पुष्पांजलि मंत्र के साथ पूजा करें। पूजा के पूर्व आचमन करें मंत्र के साथ।
श्रीराम हनुमान पूजा विधि:
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सूर्योदय पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर नवमी तिथि की पूजा करें।
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रामनवमी के दिन लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें।
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सभी देवी और देवताओं का ध्यान करते हुए श्रीराम और हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति को पाट पर विराजमान करें।
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उनकी तस्वीर या मूर्ति पर जल छिड़कर कर पवित्र करें। साफ वस्त्र से उन्हें पोछ दें।
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इसके बाद उनके समक्ष धूप और दीप प्रज्वलित करें।
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दीप प्रज्वलित करने के बाद उन्हें फूल माला पहनाएं।
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इसके बाद उनकी षोडशोपचार पूजा करें।
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चंदन, कुमकुम, हल्दी और अक्षत का तिलक लगाएं।
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इसके बाद दोनों देवों का मनपसंद भोग लगाएं।
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पांच तरह के फल और पांच तरह के मिष्ठना अर्पित करें।
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पंचांमृत और पंजरी का प्रसाद अर्पण करें।
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इसके बाद दोनों की आरती उतारें।
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इसके बाद रामरक्षा स्त्रोत और सुंदरकाण्ड का पाठ करें।
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अंत में अपने घर में हनुमान जी की ध्वजा का ही आरोहण करते हैं।
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इसके बाद परिवार के सभी सदस्य मिल बैठकर एकसाथ भोजन करते हैं।