संसार के पालनहार भगवान श्री विष्णु जी ने धर्म की स्थापना और अधर्म के समूल नाश के लिए त्रेतायुग में धरती पर मनुष्य रूप में अवतार लिया था। भगवान विष्णु के अनेक अवतारों में से एक अवतार त्रेता युग में सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी में सूर्यवंश कुल के राजा दशरथ की महारानी कौशल्या के गर्भ से चैत्र मास की नवमी तिथि अभिजीत मुहूर्त में राम जी ने जन्म लिया था। तब से लेकर आज तक युगों-युगों से चैत्र मास की नवमी तिथि को रामनवमी पर्व मनाया जाता है।
1- भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है।
2- उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी जाती है।
3- राम जी स्त्री पुरुष में भेद नहीं करते। अनेक उदाहरण है जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नज़र आते हैं।
4- भगवान राम समाज में व्याप्त ऊंच नीच के भेदभाव को भी नहीं मानते। शबरी के झूठे बेर खाने का उदाहरण इसे समझने के लिये सर्वोत्तम है।
5- राम जी वेद शास्त्रों के ज्ञाता और समस्त लोकों पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले हैं।
6- भगवान श्री राम विभिन्न कलाओं में निपुण लंकापति रावण के अंहकार के किले को ध्वस्त करने वाले परम पराक्रमी है।
7- रामनवमी के दिन धूमधाम के साथ राम जन्मोत्सव मनाते हुए श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पाठ करना चाहिए।
8- श्रीराम लला को मावा एवं पंजरी का भोग अति प्रिय है।
9- श्रीरामनवमी के दिन उपवास रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और ज्ञात-अज्ञात सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है।
10. श्रीराम नवमी 2022 शुभ मुहूर्त
10 अप्रैल 2022
नवमी तिथि प्रारंभ : 9 अप्रैल की देर रात 1 बजकर 25 मिनट से
नवमी तिथि समापन : 11 अप्रैल प्रात: 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगी।
शुभ योग :सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, पुष्य नक्षत्र में सुकर्मा योग
श्रीराम नवमी 2022 पूजा के शुभ मुहूर्त
सबसे शुभ मुहूर्त : सुबह 11:06:35 से दोपहर 01:39:01 तक।
(श्रीराम का जन्म मध्याह्न समय 12:22:48 माना गया है)
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:34 से 12:25 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:06 से 02:56 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:06 से 06:30 तक।
संध्या मुहूर्त : शाम 06:18 से 07:26 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:36 से 12:22 तक।