Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

रमजान 2023: कब है शब-ए-कद्र, जानें 10 खास बातें

हमें फॉलो करें रमजान 2023: कब है शब-ए-कद्र, जानें 10 खास बातें
Shab-e-qadr 2023 
 
रमजान माह (Ramadan 2023) इस्लामी पंचांग का 9वां महीना है और माहे रमजान में आने वाली शब-ए-कद्र की रात इस्लाम धर्म में बेहद अहम मानी जाती है। शब-ए-कद्र (shab e qadr ki raat) को लैलत अल-कद्र (Laylat al-Qadr) भी कहते हैं।

वर्ष 2023 में 18 अप्रैल, मंगलवार को रमजान माह के 27वें दिन शब-ए-कद्र मनाई जाएगी। शब-ए-कद्र पर रात भर इबादत करके लोग अपने रिश्तेदारों की कब्र पर सुबह फातिहा पढ़कर उनकी मगफिरत के लिए अल्लाह से दुआएं मांगते हैं। 
 
शब-ए-कद्र की रात, यहां पढ़ें 10 खास बातें... 
 
1 रमजान माह का तीसरा अशरा ढलान पर है। तीसरे अशरे की 27वीं शब को शब-ए-कद्र के रूप में मनाया जाता है। इसी मुकद्दस रात में कुरआन भी मुकम्मल हुआ। 
 
2 रमजान के तीसरे अशरे की 5 पाक रातों में शब-ए-कद्र को तलाश किया जाता है। ये रात हैं 21वीं, 23वीं, 25वीं 27वीं और 29वीं रात।
 
3 27वीं इबादत की रात होती है। 27वीं शब को उन अधिकतर मसाजिद में जहां तरवीह की नमाज अदा की गई वहां कुरान हाफिजों का सम्मान किया जाता है। साथ ही सभी मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम साहेबान का भी मस्जिद कमेटियों की तरफ से इनाम-इकराम देकर इस्तकबाल किया जाता है।
 
4 शबे कद्र को रात भर इबादत के बाद मुसलमान अपने रिश्तेदारों, अजीजो-अकारिब की कब्रों पर सुबह-सुबह फातिहा पढ़कर उनकी मगफिरत (मोक्ष) के लिए दुआएं भी मांगेंगे।
 
5 इस रात में अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं। गुनाह बक्श दिए जाते हैं। दोजख की आग से निजात मिलती है। वैसे तो पूरे माहे रमजान में बरकतों और रहमतों की बारिश होती है। 
 
6 ये अल्लाह की रहमत का ही सिला है कि रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियां नामे-आमाल में जुड़ जाती हैं, लेकिन शब-ए-कद्र की विशेष रात में इबादत, तिलावत और दुआएं कुबूल व मकबूल होती हैं।
 
7 अल्लाह ताअला की बारगाह में रो-रोकर अपने गुनाहों की माफी तलब करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस रात खुदा ताअला नेक व जायज तमन्नाओं को पूरी फरमाता है। रमजान की विशेष नमाज तरावीह पढ़ाने वाले हाफिज साहबान इसी शब में कुरआन मुकम्मल करते हैं, जो तरावीह की नमाज अदा करने वालों को मुखाग्र सुनाया जाता है। इसके साथ घरों में कुरआन की तिलावत करने वाली मुस्लिम महिलाएं भी कुरआन मुकम्मल करती हैं।
 
8 रमजान का पवित्र महीना अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। संभवतः ईद-उल-फितर 13 या 14 मई को मनाई जाएगी। शबे कद्र की रात को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि यह तय नहीं माना जाता कि रमजान में शबे कद्र कब होगी, लेकिन 26वां रोजा और 27वीं शब को शबे कद्र होने की संभावना जताई जाती है।
 
9 रमजान के पवित्र महीने में ईद से पहले हर व्यक्ति को 1 किलो 633 ग्राम गेहूं या उसकी कीमत के बराबर राशि गरीबों में वितरित करनी होती है। इसे फितरा कहते हैं। इस बार बाजार भाव के हिसाब से 1 किलो 633 ग्राम गेहूं की कीमत 40 रुपए तय की गई है। फितरा हर पैसे वाले इंसान पर देना वाजिब है। नाबालिग बच्चों की ओर से उनके अभिभावकों को फितरा अदा करना होता है।
 
10 साल में सिर्फ एक बार ही शब-ए-कद्र की रात आती है। अत: इस रात को अल्लाह की बरकतों से वंचित रह जाना बदनसीबी पाने जैसा है। अत: सभी को शब-ए-कद्र की रात सिर्फ जागकर न बिताते हुए ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करने में समय व्यतीत करना चाहिए।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Ramadan 2023 : अल्लाह की रहमत और इनायत देता है 26वां रोजा