अयोध्या VS लंका, जानिए राम और रावण के नगर को
अयोध्या और लंका नगर में अंतर
Description of Ayodhya and Lanka: अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को हो रहा है। इसी क्रम में जानिए कि प्राचीन काल में श्री राम की अयोध्या नगरी कैसी थी और उसी काल में रावण की लंका कैसी थी। आओ जानते हैं दोनों ही नगरों का वर्णन पौराणिक तथ्यों के आधार पर। एक और जहां श्री राम की अयोध्या उनके जल समाधि लेने के कुछ काल के बाद प्राकृतिक प्रकोप के चलते खंडहर हो चली थी वहीं दूसरी ओर रावण की लंका को रामदूत हनुमानजी ने लगभग जला ही दिया था।
अयोध्या नाम नगरी तत्रासील्लोकविश्रुता |
मनुना मानवेन्द्रेण या पुरी निर्मिता स्वयम् || रामायण १-५-६
कैसी थी श्री राम की अयोध्या How was Shri Ram's Ayodhya :-
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वाल्मीकि रामायण के 5वें सर्ग में अयोध्या पुरी का वर्णन विस्तार से किया गया है। अयोध्या पहले कौशल जनपद की राजधानी थी।
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सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी रामायण के अनुसार विवस्वान (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु महाराज द्वारा स्थापित की गई थी।
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स्कंद पुराण के अनुसार अयोध्या भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है।
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यह स्थान रामदूत हनुमान के आराध्य प्रभु श्रीराम का जन्म स्थान है।
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शोधानुसार पता चलता है कि भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था।
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अथर्व वेद में अयोध्या को 'ईश्वर का नगर' बताया गया है, 'अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या'।
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अयोध्या को सप्त पुरियों में प्रथम माना है। सप्त पुरियों में अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची, अवंतिका (उज्जयिनी) और द्वारका को शामिल किया गया है।
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वाल्मीकि कृत रामायण के बालकाण्ड में उल्लेख मिलता है कि अयोध्या 12 योजन-लम्बी (96 मील) और 3 योजन चौड़ी थी। रामायण में अयोध्या नगरी के सरयु तट पर बसे होने और उस नगरी के भव्य एवं समृद्ध होने का उल्लेख मिलता है।
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भव्य मंदिर के साथ ही कूप, सरोवर, महल आदि थे। हर व्यक्ति का घर राजमहल जैसा था।
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वहां चौड़ी सड़के, बगीचे और आम के बाग थे और साथ ही चौराहों पर लगने वाले बड़े बड़े स्तंभ थे।
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इस नगरी में सुंदर, लंबी और चौड़ी सड़कें थीं। इन्द्र की अमरावती की तरह महाराज दशरथ ने उस पुरी को सजाया था।
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विद्वानों के अनुसार प्राचीनकाल में अयोध्या कोसल क्षेत्र के एक विशेष क्षेत्र अवध की राजधानी थी इसलिए इसे 'अवधपुरी' भी कहा जाता था। 'अवध' अर्थात जहां किसी का वध न होता हो।
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भगवान राम के पुत्र लव ने श्रावस्ती नगरी बसाई थी। बौद्ध काल में यह श्रावस्ती राज्य का प्रमुख शहर बन गया और इसका नाम 'साकेत' प्रचलित हुआ।
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नंदूलाल डे, द जियोग्राफ़िकल डिक्शनरी ऑफ़, ऐंश्येंट एंड मिडिवल इंडिया के पृष्ठ 14 पर लिखे उल्लेख के अनुसार राम के समय इस नगर का नाम अवध था।
रावण की लंका कैसी थी | What was Ravana's Lanka like :-
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हिन्दू पौराणिक इतिहास अनुसार श्रीलंका को शिव ने बसाया था।
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श्रीलंका स्थित रावण की लंका, त्रिकुटाचल पर्वत पर बनी थी।
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लंका में सुबेल, सुन्दर और नील पर्वत थे उसमें से नील पर्वत पर लंका को बसाया था।
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सुबेल में युद्ध हुआ, सुंदर में अशोक वाटीका थी और नील पर्वत पर सोने के कई महल थे।
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शिव की आज्ञा से विश्वकर्मा ने यहां सोने का एक महल पार्वती जी के लिए बनवाया था।
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शिव ने लंका को विश्रवा को दान में दे दी थी। विश्रवा ने यह लंका अपने पुत्र कुबेर को दे दी।
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रावण ने कुबेर को निकाल कर लंका को हड़प लिया था।
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एक श्राप के कारण शिव के अवतार हनुमान जी ने लंका को जला दिया था।
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वाल्मीकि रामायण में लंका को समुद्र के पार द्वीप के मध्य में स्थित बताया गया है।
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आज की श्रीलंका के मध्य में रावण की लंका स्थित थी।
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कहते हैं कि यहां पर भव्य अशोक वाटिका थी।
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उसानगोड़ा, गुरुलोपोथा, तोतूपोलाकंदा और वारियापोला नामक रावण के एयरपोर्ट थे।
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यहां पर रहने के लायक सुंदर गुफाएं और भव्य महल थे। रावण का महला सोने का था।
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रावण के पास पुष्पक विमान सहित और भी कई विमान थे।
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रावण का महल अभेद्य था जिसे शिवजी ने बनवाया था।
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इस महल के जैसा महल त्रिभुवन में भी कोई दूसरा नहीं था।