Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रावण की पत्नी मंदोदरी ने क्यों किया वि‍भीषण से विवाह?

Advertiesment
हमें फॉलो करें रावण की पत्नी मंदोदरी ने क्यों किया वि‍भीषण से विवाह?

अनिरुद्ध जोशी

पुलस्त्य ऋषि के पुत्र और महर्षि अगस्त्य के भाई महर्षि विश्रवा ने राक्षसराज सुमाली और ताड़का की पुत्री राजकुमारी कैकसी से विवाह किया था। कैकसी के तीन पुत्र और एक पुत्री थी- रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण और सूर्पणखा। विश्रवा की दूसरी पत्नी ऋषि भारद्वाज की पुत्री इलाविडा थीं जिससे कुबेर का जन्म हुआ।
 
 
रावण ने दिति के पुत्र मय की कन्या मंदोदरी से विवाह किया, जो हेमा नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न हुई थी। विरोचन पुत्र बलि की पुत्री वज्रज्वला से कुम्भकर्ण का और गन्धर्वराज महात्मा शैलूष की कन्या सरमा से विभीषण का विवाह हुआ था।
 
भगवान शिव के वरदान के कारण ही मंदोदरी का विवाह रावण से हुआ था। मंदोदरी ने भगवान शंकर से वरदान मांगा था कि उनका पति धरती पर सबसे विद्वान ओर शक्तिशाली हो। मंदोदरी श्री बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी, यह मंदिर मेरठ के सदर इलाके में है जहां रावण और मंदोदरी की मुलाकात हुई थी। रावण की कई रानियां थी, लेकिन लंका की रानी सिर्फ मंदोदरी को ही माना जाता था।
 
 
पंच कन्याओं में से एक मंदोदरी को चिर कुमारी के नाम से भी जाना जाता है। अपने पति रावण के मनोरंजनार्थ मंदोदरी ने ही शतरंज के खेल का प्रारंभ किया था। मंदोदरी से रावण को पुत्र मिले- अक्षय कुमार, मेघनाद और अतिकाय। महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष और भीकम वीर को भी उनका पुत्र माना जाता है।
 
एक कथा यह है कि रावण की मृत्यु एक खास बाण से हो सकती थी। इस बाण की जानकरी मंदोदरी को थी। हनुमान जी ने मंदोदरी से इस बाण का पता लगाकर चुरा लिया जिससे राम को रावण का वध करने में सफलता मिली। सिंघलदीप की राजकन्या और एक मातृका का भी नाम मंदोदरी था। हालांकि जनश्रुतियों के अनुसार मंदोदरी मध्यप्रदेश के मंदसोर राज्य की राजकुमारी थीं। यह भी माना जाता है कि मंदोदरी राजस्थान के जोधपुर के निकट मन्डोर की थी।
 
 
क्यों किया मंदोदरी ने विभिषण से विवाह?
जब रावण सीता का हरण करके लाया था तब भी मंदोदरी ने इसका विरोध कर सीता को पुन: राम को सौंपने का कहा था। लेकिन रावण ने मंदोदरी की एक नहीं सुनी और रावण का राम के साथ भयंकर युद्ध हुआ। ऐसा माना जाता है कि राम-रावण के युद्ध एक मात्र विभिषण को छोड़कर उसके पूरे कुल का नाश हो गया था।
 
 
रावण की मृत्यु के पश्चात रावण के कुल के विभीषण और कुल की कुछ महिलाएं ही जिंदा बची थी। युद्ध के पश्चात मंदोदरी भी युद्ध भूमि पर गई और वहां अपने पति, पुत्रों और अन्य संबंधियों का शव देखकर अत्यंत दुखी हुई। फिर उन्होंने प्रभु श्री राम की ओर देखा जो आलौकिक आभा से युक्त दिखाई दे रहे थे। श्रीराम ने लंका के सुखद भविष्य हेतु विभीषण को राजपाट सौंप दिया।

कहते हैं कि अद्भुत रामायण के अनुसार विभीषण के राज्याभिषेक के बाद प्रभु श्रीराम ने बहुत ही विनम्रता से मंदोदरी के समक्ष विभीषण से विवाह करने का प्रस्ताव रखा, साथ ही उन्होंने मंदोदरी को यह भी याद दिलाया कि वह अभी लंका की महारानी और अत्यंत बलशाली रावण की विधवा हैं। कहते हैं कि उस वक्त तो उन्होंने इस प्रस्ताव पर कोई उत्तर नहीं दिया। 
 
जब प्रभु श्रीराम अपनी पत्नीं सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ वापस अयोध्या लौट गए तब पीछे से मंदोदरी ने खुद को महल में कैद कर लिया और बाहर की दुनिया से अपना संपर्क खत्म कर लिया। कुछ समय बाद वह पुन: अपने महल से निकली और विभीषण से विवाह करने के लिए तैयार हो गई। हालांकि कुछ विद्वानों का मानना है कि इस बात में कोई सचाई नहीं है। यह तो मात्र किवदंतियां हैं।
 
लेकिन मंदोदरी के बारे में इस बात पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि मंदोदरी एक सती स्त्री थी जो अपने पति के प्रति समर्पण का भाव रखती थी ऐसे में मंदोदरी का विभिषण से विवाह करना अपने आप में हैरान करने वाली घटना है। हालांकि रामायण से इतर की रामायण में ऐसे ही कई अजीब किस्से हैं। यह भी सोचने में आता है कि कुछ समाजों में प्राचीन काल में ऐसा ही प्रचलन था। सुग्रीव ने भी बालि के मारे जाने के बाद उसकी पत्नीं से विवाह कर लिया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi