Ram dhwaja mandir ayodhya : घर पर नवसंवत्सर गुड़ी पड़वा या किसी भी शुभ मंगल प्रसंग के समय ध्वज लगाया जाता है। सफेद ध्वज या भगवा ध्वज लगाने के अपने नियम होते हैं। हर देवी और देवता का अलग अलग ध्वज होता है। अयोध्या में राम मंदिर में रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन राम पताका फहराई जाएगी। आओ जानते हैं कि यह कैसी होती है और इसे कैसे फहराना चाहिए।
ध्वज के प्राकर : घर की छत पर लगाने वाले ध्वज रणभूमि में रथ पर लगाने वाले ध्वज दोनों में कुछ फर्क होता है। रणभूमि में अवसर के अनुकूल 8 प्रकार के झंडों का प्रयोग होता था। ये झंडे थे- जय, विजय, भीम, चपल, वैजयन्तिक, दीर्घ, विशाल और लोल। ये सभी झंडे संकेत के सहारे सूचना देने वाले होते थे। विशाल झंडा क्रांतिकारी युद्ध का तथा लोल झंडा भयंकर मार-काट का सूचक था। महाभारत में प्रत्येक योद्धा का अपना अलग ध्वज होता था।
1. ध्वज का रंग : घर की छत पर तीन रंग में से किसी एक रंग का ध्वज लगते। गेरू और भगवा रंग एक ही है, लेकिन केसरिया में मामूली-सा अंतर है। इसके अलावा तीसरा रंग है पीला।
2. किस दिशा में लगाते हैं ध्वज : घर के ऊपर वायव्य कोण में ध्वज लगाते हैं। यदि आपके घर की दिशा भिन्न है तो किसी वास्तु शास्त्री से पूछकर लगाएं।
3. कैसा होना चाहिए ध्वज : स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ केसरिया ध्वज होना चाहिए। दो प्रकार का ध्वज होता है एक त्रिभुजाकार और दूसरा दो त्रिभुजाकार ध्वज। चित्र में दोनों ही तरह के ध्वज बताए गए हैं। दोनों में से कोई एक प्रकार का ध्वज लगा सकते हैं।
4. क्या होगा इससे : इससे यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है।
5. राम पताका : हिंदू ध्वज दो प्रकार के होते हैं- त्रिभुजाकार और दूसरा दो त्रिभुजाकार ध्वज। राम पताका दोनों ही तरह की हो सकती है, लेकिन उस पर श्रीराम जी का चित्र, धनुष या जय श्रीराम अंकित होना चाहिए। राम पताका पर हनुमानजी का चित्र भी हो सकता है।