श्रीलंका में कुछ वर्ष पूर्व एक रिसर्च में 50 ऐसे स्थल खोजने का दावा किया गया है जिनका संबंध रामायण से है। उन्हीं स्थानों में से एक है रानागिल की गुफा, जहां रावण का शव आज भी सुरक्षित रखे होने का दावा किया जाता है। ये खोज श्रीलंका के इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर की है। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं करता है। कुछ टीवी चैनलों की एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा करके यह जगह बताई थी।
कहते हैं कि राम और रावण का युद्ध 5000 ईसा पूर्व हुआ था। वाल्मीकिकृत रामायण में बताई ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 'प्लेनेटेरियम सॉफ्टवेयर' की गणना से पता चला कि ईसा पूर्व 5076 साल पहले राम ने रावण का संहार किया था।...तभी से रावण का शव श्रीलंका की एक गुफा में रखा है।
अगस्त, 1971 में एक बौद्ध भिक्षु ने दावा किया था कि एक पर्वत शिखर पर बने सुदृढ़ किले में रावण का शव अपनी पूर्व अवस्था में अब भी सुरक्षित रखा हुआ है। हालांकि यह कितना सच है यह हम नहीं जानते। मान्यता के अनुसार रैगला के जंगलों के बीच एक विशालकाय पहाड़ी पर रावण की गुफा है। रैगला के घने जंगलों और गुफाओं में कोई नहीं जाता है, क्योंकि यहां जंगली और खूंखार जानवरों का बसेरा है।
रैगला के इलाके में रावण की यह गुफा 8,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां 18 फुट लंबे ताबूत में रखा है रावण का शव। इस ताबूत के चारों तरफ लगा है एक खास लेप जिसके कारण यह ताबूत हजारों सालों से जस का तस रखा हुआ है।
कहते हैं कि रावण की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी विभीषण को सौंपी गई थी लेकिन लंका की राजगद्दी संभालने की जल्दी में विभीषण ने रावण के शव को वैसे ही छोड़ दिया था जिसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोग अपने साथ ले गए थे।
नागकुल के लोगों को यकीन था कि रावण की मौत क्षणिक है और वो फिर से जीवित हो जाएगा। उन्होंने रावण को फिर से जीवित करने की कई बार कोशिश भी की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने रावण के शव को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न रसायनों का इस्तेमाल किया और उसे ममी के रूप में रख दिया। श्रीलंका के कई लोगों के बीच यह मान्यता है कि रावण एक दिन जिंदा होकर पुन: लौट आएगा।