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सविता बिरला
सामग्री :
चने की दाल 2 कटोरी, गेहूँ का आटा 1 कटोरी, मीठा तेल 2 बड़े चम्मच, खसखस 1 चम्मच, लाल मिर्च, हल्दी, नमक, हरी मिर्च, अदरकल हरा धनिया, सौंफ, सूखा खोपरा (किसा हुआ) सभी अंदाज से। 1 नींबू का रस और चाहें तो थोड़ी-सी शक्कर।
विधि :
दो घंटे पहले पानी में गलाई हुई दाल को दरदरी पीसकर इसमें अदरक व नींबू का रस हाल दें। हरा धनिया व हरी मिर्च बारीक काटकर और लाल मिर्च व नमक पीसकर डाल दें, सौंफ दरदरी कूटकर डालें।
गेहूँ के आटे में तेल का मोयन देकर थोड़ा हल्दी, नमक, मिर्च डालकर पूरी के आटे जैसा गूँथ लें और पूरी की तरह बेलकर इसमें दाल की पिढी रखकर बैंगन के आकार के मोदक बना लें। पूरी भरावन करके भगौने में पानी उबालें। ऊपर स्टील की जाली रखकर इन बैंगनों को रखकर भपाएँ। 15 मिनट भाप देकर नीचे उतार लें।
ठंडा होने पर भरावन की तरफ से चार चीरे लगाकर खोपरा, खसखस, लाल मिर्च, नमक, कुटी अदरक, नींबू का रस, शक्कर, हरा धनिया का मिला हुआ मसाला भर दें। अब बघार जितना तेल गरम करके इन बैंगनों को बघार दें। लो आपके स्वादिष्ट पूना के बैंगन तैयार हैं। एक बड़ी प्लेट में बैंगन को रखकर ऊपर से खोपरा, धनिया की सजावट कर दें।
टिप्पणी : यह महाराष्ट्र का लोकप्रिय व्यंजन है। अतिथियों को नए व्यंजन के रूप में खिलाया, खाया जाता है। यह बहुत स्वादिष्ट व्यंजन है।