उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्तर के 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान किए जाने हेतु ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009’ को लागू करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के शिक्षामंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने कहा कि उत्तरप्रदेश देश में पहला ऐसा राज्य है, जहाँ इस अधिनियम के लागू हो जाने से प्रदेश में बच्चों के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो सकेगी।
शिक्षा मंत्री लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘राइट ऑफ चिल्ड्रेन टू फ्री एण्ड कम्पलसरी एजुकेशन एक्ट 2009’ विषयक कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सचिव बेसिक शिक्षा को निर्देश दिए गए हैं कि इस एक्ट को लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम अध्यापकों वित्तीय संसाधनों विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण एवं डायट की प्रशिक्षण प्रक्रिया पर ध्यान देना होगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सचिव प्राथमिक शिक्षा अनूपचन्द्र पान्डेय ने कहा कि बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा एक्ट 2009 के अन्तर्गत शिक्षा की व्यवस्था हो जाने पर सम्पूर्ण प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदल जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए संसाधनों के साथ-साथ सामाजिक चेतना जागृत करने की जरूरत है। इसको लागू करने के लिए 14.500 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। (भाषा)