Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

काशी विश्वनाथ मंदिर में मिलेगा ‘पवित्र’ खाद

हमें फॉलो करें काशी विश्वनाथ मंदिर में मिलेगा ‘पवित्र’ खाद
वाराणसी , रविवार, 20 मई 2012 (20:39 IST)
आमतौर पर लोग मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं, लेकिन विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले लोग अब अपने साथ ‘पवित्र’ खाद ले जा सकेंगे।

इस संबंध में मंदिर प्रशासन और स्थानीय किसान प्रकाश रघुवंशी ने एक अनोखे सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। मंदिर में प्रतिदिन करीब एक टन फूल, पत्ती, दूध, शहद, नारियल आदि चढ़ाए जाते हैं। इनका उपयोग खाद बनाने में किया जाएगा।

स्वदेशी बीजों की 100 से ज्यादा किस्में विकसित करने के लिए रघुवंशी को राष्ट्रपति द्वारा दो बार सम्मानित किया जा चुका है। रघुवंशी ने कहा कि फूल, बेलपत्र, धतूरा और दूध से बने सामान जैसे अपघटीय पदार्थों को अंतत: गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि मैंने मंदिर प्रशासन से प्रस्ताव किया कि वह ऐसे पदार्थ मुझे दे, ताकि मैं अपने फार्म में उससे खाद बना सकूं। रघुवंशी ऐसे चढ़ावे के लिए सांकेतिक 211 रुपए देंगे और उससे वह नगर में स्थित अपने संयंत्र में इससे खाद तैयार करेंगे।

देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन एक से दो टन का चढ़ावा होता है और त्योहारों तथा खास दिनों में यह बढ़कर 5 से 7 टन तक हो जाता है। रघुवंशी की योजना जरूरतमंद किसानों को यह खाद मामूली कीमत पर मुहैया कराने की है।

उन्होंने कहा कि जल्दी ही वह अपने लोगों को मध्यप्रदेश में प्रशिक्षण मुहैया कराएंगे। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भी ऐसा ही होता है, लेकिन वहां एक सरकारी एजेंसी खाद तैयार करती है।

उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय कुछ समय तक ऐसे चढ़ावे का उपचार करता रहा, लेकिन उसके पास पर्याप्त सुविधा नहीं है और वह बड़े पैमाने पर ऐसा नहीं कर सकता। चढ़ावे से खाद बनाने से एक ओर जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं गंगा नदी को भी बचाने में मदद मिलेगी। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi