चंदनवाड़ी (जम्मू-कश्मीर)। अमरनाथ यात्रा के पारंपरिकरास्ते के प्रथम पड़ाव स्थल में फिलहाल कोई चहल-पहल नहीं है। खराब मौसम और जून में भी लगातार हो रही बर्फबारी के परिणामस्वरूप पारंपरिक रास्ते से यात्रा की शुरुआत कब होगी, कोई सुनिश्चित तौर पर कुछ कहने को राजी नहीं है।
यात्रा से जुडे़ हुए धार्मिक भावना रखने वाले लोग बालटाल से यात्रा को पुण्य कमाने वाली नहीं मानते। वे कहते हैं कि वाया चंदनवाड़ी से ही यात्रा करने पर पुण्य मिलता है, पर अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की मजबूरी है। यह मजबूरी पल-पल बदलते मौसम के कारण बनी हुई है।
चंदनवाड़ी में यात्रा और यात्रियों के स्वागत की सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। दुकानें सज चुकी हैं। घोडे़ वाले भी तैयार हैं। पिट्ठू श्रद्धालुओं का बोझा उठाकर उनके पुण्य में हिस्सेदारी करने को तैयार हैं, पर सभी को चिंता भोलेशंकर की नाराजगी की है, जो खराब मौसम के रूप में सामने आ रही है।
पहलगाम से 12 किमी दूर अरू वैली से घोड़े को लाकर चंदनवाड़ी में पिछले तीन दिनों से डेरा जमाने वाले रियाज अहमद का कहना था कि उनके पूरे साल का खर्चा इसी यात्रा से निकलता है और अगर यह यूं ही टलती रही तो उनके लिए परिवार पालना मुश्किल हो जाएगा। पिट्ठुओं की भी यही दशा है।
इतना जरूर है कि पिट्ठुओं और स्लेज गाड़ी चलाने वालों को कुछ कमाई वे पर्यटक जरूर करवा रहे हैं, जो चंदनवाड़ी में बर्फ का नजारा लेने के लिए आ रहे हैं। चंदनवाड़ी में लिद्दर दरिया पर अभी भी मोटा बर्फ का पुल बना हुआ है, जो जून में भी इसलिए पिघला नहीं है क्योंकि कश्मीरी गर्मी को तरस रहे हैं। बर्फ के पुल के पास पहाड़ पर जमी हुई बर्फ पर दौड़ लगाने और स्लेज गाड़ी से नीचे तक आने का नजारा बेहद ही खूबसूरत बनता था।
करीब डेढ़ किमी लंबा बाजार सजा हुआ है। दुकानदार बेकार बैठकर मक्खियां मारते नजर आ रहे हैं। वे चाहते हैं कि यात्रा की शुरुआत जल्द से जल्द हो ताकि वे अपने परिवार का पेट पालने की खातिर कुछ कमाई कर पाएं।
रोचक तथ्य चंदनवाड़ी में लगे हुए कुछ लंगरों के प्रति यह था कि उन्हें भी श्रद्धालुओं का इंतजार था ताकि वे अपने लंगरों को शुरू कर सकें।