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दो बार दुल्हन बनी थी मोनिका!

अबू सलेम के प्रति दिल में आज भी हमदर्दी

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-मुंबई से नरेन्द्र राठौड
WDWD
रियलिटी शो 'बिग बॉस' से एक बार फिर चर्चा में आई अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की माशूका (या पत्नी?) और अभिनेत्री मोनिका बेदी दरअसल एक बार नहीं दो बार दुल्हन बनी थी। सलेम से शादी की बात को नकारने वाली मोनिका आज भी सलेम को अच्छा इनसान मानती है। सलेम के प्रति उसके दिल में हमदर्दी साबित करती है कि माफिया डॉन के लिए आज भी उसके दिल में कुछ-कुछ होता है।

पुर्तगाल से आने के बाद मोनिका ने पुलिस और कानून को बरगलाने के लिए काफी विरोधाभासी बयान दिए थे। अपने बयानों के माध्यम से उसने लोगों की सहानुभूति हासिल करने की भी भरपूर कोशिश की थी। ...लेकिन मोनिका बेदी का असली सच क्या है? क्या वाकई अबू से दूर हो चुकी है मोनिका या फिर वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है? आइए, देखते हैं दस्तावेजों की जुबानी, मोनिका की कहानी...

मोनिका की एक और शादी : अबू सलेम से शादी की खबर की पुष्टि के साथ ही पुर्तगाल अदालत के दस्तावेजों ने मोनिका के बारे में एक और चौंकाने वाले राज का खुलासा किया है। पुतर्गाल में रहते हुए मोनिका ने पारेडे कासकल्स के रुआ-ओनडीना परैरा के निवासी शहजाद हैदर नामक एक शख्स से भी 6 फरवरी, 2002 को 11 बजे लिस्बन में ही शादी की थी। शहजाद अबू सलेम का दोस्त था, जिसे अबू सलेम स्विट्जरलैंड में मिला था।

अबू के कहने पर शहजाद से यह शादी मोनिका ने सिर्फ इसलिए रचाई थी, ताकि वह पुर्तगाल की नागरिकता हासिल कर सके। इस दौरान शहजाद को अबू की पूरी सच्चाई पता नहीं थी। उसे यह तक नहीं पता था कि जो अरसलान नामक व्यक्ति उसका दोस्त है, असल में वह मुंबई का मोस्ट वांटेड अपराधी अबू सलेम है।

नाम क्यों बदले? : मोनिका कितनी झूठी है और अपने को बचाने के लिए किस कदर झूठ वह पुलिस व अदालत के सामने भी बोल सकती है, इसका अंदाज सहज ही लगाया जा सकता है। अबू का नाम अरसलान और अपना नाम फौजिया रखने और इन नामों पर फर्जी पासपोर्ट हासिल करने के पीछे मोनिका ने पुर्तगाल अदालत में यही मंशा जताई थी कि उसके पति अबू सलेम और उसकी जान को भारतीय माफिया से खतरा है। इसी बात को साबित करने के लिए उन्होंने कई गवाहियाँ भी अदालत में करवा डाली थीं और इसी के आधार पर पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट और वीजा के मामले को कमजोर ‍किया गया था।

मोनिका का 'बाबू' : मोनिका बेदी सलेम को पहले तो 'सरदार' पुकारा करती थी, लेकिन शादी के बाद वह उसे प्यार से 'बाबू' कहने लगी थी। सरदार पुकारने के पीछे उसकी यही मंशा थी कि वह अबू सलेम से बात कर रही है और यह बात कोई और न समझ सके। मोनिका और अबू की शादी 20 नवंबर 2007 को शाम सात बजे लॉस एंजिल्स में हुई थी।

फर्जी नाम पर दस्तावेजों के आधार पर पुर्तगाल में रहने के लिए अबू और मोनिका को कम से कम दो साल की कैद हो सकती थी। यह बात अदालत के आदेश में साफ हो गई है। वे दोनों पुर्तगाल में सन 2001 में फर्जी पहचान पर घुसे थे।

अबू का फर्जी पाक पासपोर्ट : अबू ने पुर्तगाली अधिकारियों को यह कहकर भी बेवकूफ बनाने की कोशिश की थी कि वह पाकिस्तानी नागरिक है। उसका नाम अरसलाम मोहसिन अली है। उसका जन्म 2 फरवरी, 1968 को कराची में हुआ था। उसके पिता का नाम मोहसिन अली और माँ का नाम सुलताना है। इसके लिए उसने पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर के-185/34 (जारी दिनांक 29 मई, 2001) का इस्तेमाल किया गया, जो कि दुबई में पाक एंबेसी द्वारा जारी किया गया था।

मोनिका का फर्जी पाक पासपोर्ट : मोनिका ने अबू के साथ अपने बारे में रिश्ते को तो पति-पत्नी बताया था, लेकिन एक भारतीय पासपोर्ट नंबर बी-5802508/1 के जरिये अपनी पहचान दुबई के भारतीय दूतावास से 6 अगस्त 2001 को साना मलिक कमाल के रूप में करवाना चाही थी। उसका जन्म 4 अक्टूबर को कुरनूल में दिखाया गया था। उसे मलिका कमाल और सारिका कमाल की बेटी बताया था।

सलेम ने पुलिस को बताया था कि स्विस घड़ियों का वह कारोबार करना चाहता था। वह घड़ियाँ पुर्तगाल में आयात करने के बाद उनको बेचता, यह बात उसने पुलिस को बताई थी।

मोनिका का है अमेरिका में घर : मोनिका के एक घर के अमेरिका में भी होने की सूचना खुद अबू ने ही पुर्तगाली पुलिस और अदालत में दिए बयानों में साफतौर पर कही है। यह बात अदालत के उन दस्तावेजों से साफतौर पर जाहिर होती है। मोनिका ने पुलिस को बताया था कि वह तो लिस्बन में रहने वाली थी और यहाँ रहकर बतौर हेअर ड्रेसर काम करने की योजना बना रही थी।

मुसलमान है मोनिका : मोनिका के दस्तावेजों से यह साफ जाहिर होता है कि मोनिका ने हिन्दू धर्म से किनारा करके अबू सलेम से शादी करने के लिए इस्लाम कबूल कर लिया था।

मेहर की रकम वापस माँगी : एक तरफ जहाँ मोनिका कहती है कि उसने अबू से शादी नहीं की, वहीं दूसरी तरफ उसने पुर्तगाल पुलिस को दी एक अर्जी में साफतौर पर लिखा है कि उसके घर से जो 5000 डॉलर पुलिस ने बरामद किए हैं, वह उसकी रकम-ए-मेहर है। वह उसे बेहद अजीज है, इसलिए उसे ही यह रकम वापस मिलनी चाहिए।
तुमसे बढ़कर कोई नहीं है 'बाबू'
अबू सलेम से शिकायत नहीं-मोनिका

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