नासा छोटे अंतरिक्ष यान पर निर्णय लेगा
कोलकाता , शुक्रवार, 30 नवंबर 2012 (18:31 IST)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) अगले साल फरवरी तक यह तय करेगी कि भविष्य में छोटे अंतरिक्ष यान ‘टेस’ का उपयोग ग्रहों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है या नहीं। एमआईटी ने टेस को नासा के लघु खोज कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किया है। यह यान केप्लर के विपरीत पूरे आकाश का सर्वेक्षण कर सकता है जबकि केप्लर एक निश्चित क्षेत्र पर ही ध्यान केंद्रित करता है।इस कार्यक्रम का लक्ष्य आसमान में सौरमंडल के बाहर चमकते तारों के आसपास घूम रहे ग्रहों का पता लगाना है।कैलीफोर्निया में नासा के आमीस रिसर्च सेंट की केप्लर के वैज्ञानिक दल के नेता नताली बटाल्हा ने यहां छात्रों को संबोधित करने के बाद कहा कि ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सेटेलाइट (टेस) भावी अंतरिक्ष यान है, जो केप्लर अंतरिक्ष यान से छोटा है। फरवरी तक हम जान पाएंगे कि टेस काम करेगा या नहीं।उन्होंने कहा कि यदि नासा ने टेस को व्यावहारिक पाया तो उसे वर्ष 2016 तक प्रक्षेपित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केप्लर मिशन ने 2300 ग्रहों की खोज की है जिनमें से करीब 50 रहने योग्य है लेकिन उनका आकार सही नहीं है। (भाषा)