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प्रवीण ने उठाए प्रमोद के चरित्र पर सवाल

कहा- प्रधनामंत्री बनना चाहते थे महाजन

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हमें फॉलो करें प्रमोद महाजन
मुंबई (वार्ता) , सोमवार, 13 अप्रैल 2009 (00:10 IST)
भाजपा नेता स्वर्गीय प्रमोद महाजन की हत्या करने वाले उनके भाई प्रवीण महाजन ने जेल में लिखी किताब में प्रमोद को दोहरे चरित्र का इनसान बताया है। वप्रधानमंत्रबननचाहतथे।

प्रवीण महाजन ने 'माझा अलबम' नामक पुस्तक में प्रमोद महाजन को महिला प्रेमी के रूप में दर्शाया है। इसके अलावा उन्हें भाजपा के लिए अर्थ उपलब्ध कराने वाला भी बताया है।

मराठी दैनिक समाचार लोकसत्ता में पुस्तक से लिए गए कुछ अंश छापे गए हैं, जिससे कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रवीण ने प्रमोद महाजन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, जिससे जनता आश्चर्यचकित है।

उन्होंने अपनी पुस्तक में प्रमोद की हत्या के बाद जेल में उनकी दुर्दशा पर भी लिखा है कि जेल में मेरे आराम और शांति का कोई स्रोत नहीं था इसलिए मैंने अपनी यादों को सहेजने के लिए पुस्तक लिखने का निर्णय किया। प्रमोद की हत्या के पीछे का सत्य किसी को मालूम नहीं है।

उन्होंने लिखा है कि भाजपा, आरएसएस और कुछ पत्रकारों ने मुझे 'हत्यारा दिमाग' का कहा। मैं पिछले तीन वर्ष से जेल में हूँ, मुझे पेरोल पर भी छोड़ने से मना कर दिया गया। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है और मुझे राजनीति में आने के लिए इसकी जरूरत भी नहीं थी।

उन्होंने आगे लिखा है कि प्रमोद की पत्नी और पुत्री भी उनके अवांछनीय संबंधों से परेशान थीं, यहाँ तक कि उनकी पत्नी ने उनसे तलाक लेने का रास्ता अपना रही थीं।

प्रवीण ने लिखा है कि दिल्ली और मुंबई के मीडिया के कुछ लोग उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को जानते थे। उन्होंने अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ पर दबाव भी बनाया था।

पुस्तक में यह भी लिखा है कि प्रमोद का विचार था कि वे पार्टी की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, इसलिए उनके चरित्र के संबंध में कोई सवाल न करे।

प्रवीण ने आरोप लगाया है कि प्रमोद महाजन सटोरिया, दोहरे मापदंड वाले, षड्‍यंत्रकारी और सफल राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 1989 से 2004 के बीच हुए लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अपने और पार्टी के लिए धन एकत्र किया।

उन्होंने पार्टी को बताए बगैर बहुत सारे धन अपने हित के लिए खर्च किए। उन्होंने अपनी प्रसिद्धि, धन और ताकत के बल पर सब को खरीद रखा था। उनका शिवसेना के बाल ठाकरे से लेकर शरद पवार तक सबसे अच्छा संबंध था। प्रवीण महाजन को प्रमोद महाजन के हत्या के दोष में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है। वह नासिक जेल में बंद है।

छवि धूमिल करने की कोशिश : स्वर्गीय महाजन पर प्रवीण द्वारा की गई टिप्पणी पर उनके दूसरे भाई प्रकाश महाजन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि प्रमोद को बदनाम करने की यह एक राजनीतिक चाल है।

प्रकाश महाजन ने कहा कि बिना किसी सबूत के पुस्तक के कुछ अंश छापे गए हैं, लेकिन मैं किसी पर दोष मढ़ना नहीं चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि प्रवीण ने प्रमोद महाजन पर 22 अप्रैल 2006 को गोली चलाई थी जिससे 3 मई 2006 को उनकी अस्पताल में मृत्यु हो गई।

उन्होंने कहा कि वे प्रमोद को अच्छी तरह जानते हैं, उनके चरित्र पर लगाया गया लांछन सही नहीं है। वह हम सभी को बहुत प्यार करते थे, विशेष रूप से प्रवीण महाजन को।

इस पुस्तक के संबंध में भाजपा के महासचिव और प्रमोद महाजन के जीजा गोपीनाथ मुंडे ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की है। सारंगी महाजन ने कहा कि पुस्तक में जो कुछ भी लिखा गया है, वह सच है लेकिन हम किसी को दुख पहुँचाना नहीं चाहते।

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