देहरादून। उत्तराखंड से तीन माह पूर्व राज्यसभा की सांसद चुनी गईं मनोरमा शर्मा डोबरियाल का बुधवार को गुड़गांव के एक अस्पताल में लिवर की बीमारी से निधन हो गया। उन्होंने 18 फरवरी को 10.30 बजे अंतिम सांस ली।
मनोरमा शर्मा डोबरियाल के निधन से पूरे उत्तराखंड में शोक छाया है। शर्मा 1972 से कांग्रेस की सदस्य रहीं। इसके बाद उन्होंने न केवल उत्तराखंड महिला कांग्रेस का नेतृत्व किया, वरन वे प्रदेश की पहली महिला मेयर बनीं। देहरादून की मेयर रहते हुए मनोरमा शर्मा ऑल इंडिया मेयर कांफ्रेंस की अध्यक्ष पद पर भी चयनित हुईं।
उत्तराखंड मूल की वे राज्यसभा जाने वाली एकमात्र महिला सदस्य हैं। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि उनके निधन से उनका एक निकट सहयोगी एवं पारिवारिक मित्र चला गया। उन्होंने उनके निधन को प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ा आघात बताया। राज्य के राज्यपाल ने भी मनोरमा के निधन पर शोक व्यक्त कर इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
मनोरमा शर्मा डोबरियाल के पिता टीकाराम डोबरियाल स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिन्द फौज के कार्यकर्ता थे। राजनीति उन्होंने अपने पिता से ही सीखी थी। उत्तराखंड के सभी राजनीतिक दलों में मनोरमा शर्मा के निधन से शोक व्याप्त है। एक पखवाड़े में यह उत्तराखंड की दूसरी राजनीतिक क्षति है। इससे पूर्व हरिद्वार के एक दलित नेता एवं प्रदेश के परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री सुरेन्द्र राकेश का कैंसर की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उनका बुधवार को ही पीपलपानी होना था कि यह मौत की खबर उत्तराखंड की राजनीति के लिए झटका बन गई है।