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राजेन्द्र प्रसाद की समाधि उपेक्षा का शिकार

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हमें फॉलो करें प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद
पटना (भाषा) , मंगलवार, 23 अक्टूबर 2007 (12:10 IST)
प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद की समाधि असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है। सुरक्षा तथा संरक्षण के अभाव में यहाँ अकसर जुआरियों और नशेडि़यों को देखा जा सकता है। हाल ही में पुलिस ने यहाँ से करीब एक दर्जन जुआरियों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा।

बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी दुबे के प्रयास से वर्ष 1985 में राजेन्द्र प्रसाद की समाधि के पास निर्मित राजेन्द्र उद्यान के उद्‍घाटन के अवसर पर कहा गया था कि उनकी समाधि आने वाली पीढियों के लिए न केवल त्याग, तपस्या और सादगी की प्रेरणा का स्रोत बनेगी, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक पर्यटन स्थल होगा।

तत्कालीन राज्यपाल वेंकट सुबैया ने तीन दिसम्बर 1985 को इस उद्यान का उद्‍घाटन किया था और युवकों को राजेन्द्र प्रसाद से सीख लेने की सलाह दी थी, लेकिन फिजा बदलती गई। समाधि स्थल तथा राजेन्द्र उद्यान उपेक्षा का शिकार होता गया।

पटना के मुख्य शवदाहगृह बाँसघाट के बगल में स्थित समाधि के पास जहाँ दिन में आवारा पशुओं, रिक्शा, ठेला चालकों और मजदूरों का जमावड़ा लगा रहता है, वहीं शाम होते ही असामाजिक तत्व पहुँचने लगते हैं। स्थिति यह है कि रात के समय समाधि स्थल पर कोई चिराग तक नहीं जलाया जाता।

राजेन्द्र प्रसाद की समाधि के पास बने पुराने शिव मंदिर के पुजारी अशोकदास ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से वे देख रहे हैं कि राजेन्द्र बाबू की जयंती और पुण्यतिथि पर फूलों के गमले लादकर लाए जाते हैं। लोग फूल चढ़ाते हैं और चले जाते हैं। उसके बाद समाधि तन्हाई के आलम में उपेक्षित रहती है।

स्थानीय निवासी दिनेश राय ने बताया कि पहले राजेन्द्र उद्यान में एक माली की नियुक्ति हुई थी और वह नियमित रूप से आता था, लेकिन बाद में उसका आना भी बन्द हो गया और यह इलाका धीरे-धीरे असामाजिक तत्वों का अड्‍डा बन गया।

समाधि स्थल से थोड़ी ही दूरी पर बुद्धा कॉलोनी थाना है। थानाध्यक्ष आरके मल्ल ने बताया कि हाल ही में पुलिस ने बुद्धा घाट से आठ जुआरियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से नकद राशि भी बरामद की। राजेन्द्र प्रसाद समाधि स्थाल के बारे में उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

बिहार प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचके वर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालू-राबड़ी शासनकाल में भी राजेन्द्र बाबू की समाधि उपेक्षित थी। नीतीश के शासनकाल में भी स्थिति यथावत है। उन्होंने कहा कि इस स्थान को बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है, लेकिन इस तरफ ध्यान देने को कोई तैयार नहीं है।

कांग्रेसी नेता ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद जनता के दिल में हैं, लेकिन सरकार द्वारा भुला दिए गए हैं। पूरे इलाके को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करना चाहिए, क्योंकि राजेन्द्र प्रसाद केवल बिहार के ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव हैं।

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