देहरादून। कोरोना की वजह से उत्तराखंड को लगातार दूसरे वित्तीय वर्ष में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उत्तराखंड के वित्त सचिव अमित नेगी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले ही 2 महीनों में करीब 1,000 करोड़ रुपए का नुकसान प्रदेश को हो चुका है।
कोरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश में मजबूरन लगे कोविड कर्फ्यू में सभी तरह की गतिविधियां बंद होने की वजह से प्रदेश को लगातार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश को आबकारी, फॉरेस्ट, खनन और परिवहन से अच्छा-खासा राजस्व मिलता था, लेकिन कोरोना की वजह से वो सब बंद पड़ा हुआ है।
हालांकि नुकसान का पूरा आंकड़ा अभी सामने न्हीं आया तथापि इस वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में 1,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य में पर्यटन, तीर्थाटन व व्यापार सभी बंद होने से नुकसान का यह आंकड़ा कई गुना हो जाता है। कोरोना कर्फ्यू की वजह से व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
व्यापार चौपट होने से नाराज व्यापार मंडल से जुड़े संगठन ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए हरिद्वार बस अड्डे के पास घंटे व शंख बजाकर सरकार को जगाने का प्रतीकात्मक प्रयास किया।
काशीपुर में भी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रभात साहनी के नेतृत्व में नगर निगम गेट पर आक्रोश व्यक्त करते हुए धरना प्रदर्शन किया।
जोशीमठ व्यापार संघ ने शुक्रवार को 8 जून के बाद जोशीमठ के समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल के चलते उनके प्रतिष्ठान बंद हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई छोटे व्यापारी तो भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।