लखनऊ। देश के ग्रामीण, वनवासी औरा वंचित तबकों के 30 लाख से ज्यादा बच्चों को बुनियादी शिक्षा के जरिए भारत निर्माण में जुटे 'एकल अभियान' का जन आंदोलन में बदलने का शंखनाद होने जा रहा है। 16 से 18 फरवरी के बीच हो रहे इस 'परिवर्तन कुंभ' के पहले दिन उत्तर भारत के 20 हजार गांवों के 1 लाख से ज्यादा स्वराज सैनिक यहां रमाबाई मैदान पहुंचेंगे।
सामाजिक परिवर्तन की मिसाल 'एकल अभियान' की यात्रा शुरू हुए 30 वर्ष हो गए हैं। आज एक 'एकल अभियान' का दायरा इतना विस्तृत हो चुका है कि 27 राज्यों के 360 जिलों में 1 लाख से ज्यादा एकल विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में छात्रों को बुनियादी शिक्षा के साथ ही राष्ट्रधर्म सर्वोपरि और संस्कारों की भी शिक्षा दी जाती है।
'एकल अभियान' अपनी विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ देश के 4 लाख गांवों में बसे 30 करोड़ वन बंधुओं व ग्रामवासियों में विभिन्न योजनाओं जैसे एकल विद्यालय योजना, आयोग्य योजना, ग्रामोत्थान योजना, ग्राम स्वराज योजना एवं श्रीहरि कथा प्रसार योजना द्वारा शिक्षित, स्वस्थ और समर्थ भारत निर्माण के साथ-साथ स्वाभियान जागरण एवं प्रखर राष्ट्रवाद की भावना प्रबल करने के लिए प्रत्यनशील है।