चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने संपत्ति कर की व्यापक श्रेणियों में संशोधन लागू करने की शनिवार को घोषणा की। स्थानीय निकायों के लिए राजस्व एकत्रित करने के लिए कर में 150 फीसदी तक की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि इस बढ़ोतरी के बावजूद ये दरें अन्य राज्यों के मुकाबले कम हैं।
मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने कर में इस वृद्धि को लेकर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह तो महज शुरुआत है। द्रमुक के सहयोगी दल कांग्रेस ने भी इस कर वृद्धि का विरोध करते हुए कहा कि इससे जनता पर बोझ और बढ़ेगा।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के मुख्य इलाके में स्थित 600 वर्गफुट से कम क्षेत्र वाली आवासीय इकाइयों के लिए संपत्ति कर संशोधन 50 फीसदी रखा गया है। वहीं 600 से 1,200 वर्गफुट में बनी इमारतों के लिए यह 75 फीसदी और 1,200-1,800 वर्गफुट में बनी इमारतों के लिए 100 फीसदी कर वृद्धि की गई है।
राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक चेन्नई में 1,801 वर्गफुट से अधिक क्षेत्र में बनी आवासीय इकाइयों के लिए संपत्ति कर की दरों में 150 फीसदी संशोधन किया गया है।
इस बारे में उठे सवालों पर अपनी सरकार का रुख साफ करते हुए तमिलनाडु के नगर निकाय प्रशासन मंत्री के एन नेहरु ने कहा कि करों में यह बदलाव 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया गया है। इसके अलावा नगरीय निकायों के अपने राजस्व में आई गिरावट से भी कर दर बढ़ाने का फैसला करना पड़ा है।